लखनऊ. राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने लोकसभा चुनाव के लिए बड़ा दांव खेल दिया है। बागपत लोकसभा क्षेत्र से डॉ. राजकुमार सांगवान को प्रत्याशी घोषित किया तो वहीं बिजनौर लोकसभा सीट से विधायक चंदन सिंह को प्रत्याशी घोषित किया गया है। विधान परिषद के लिए मथुरा से योगेश नौहार को प्रत्याशी बनाया गया है।
44 वर्ष से पार्टी के लिए समर्पित हैं सांगवान
चौधरी चरण सिंह का आशीर्वाद लेकर राजनीति शुरू करने वाले मेरठ के डॉ. राजकुमार सांगवान को रालोद मुखिया ने बागपत से रालोद-भाजपा का प्रत्याशी घोषित कर दिया है। 44 वर्ष से रालोद की राजनीति कर रहे डॉ. राजकुमार सांगवान जमीनी राजनीति के लिए जाने जाते रहे हैं।
बागपत से डॉ. राजकुमार सांगवान जैसे ईमानदार नेता को टिकट देकर जयंत चौधरी ने बड़ा संदेश दे दिया है। राजकुमार सांगवान ऐसे नेता हैं, जिनकी हर बिरादारी, हर क्षेत्र में अलग पहचान रही है। लंबे समय तक छात्र और किसानों की राजनीति करने वाले डॉ. राजकुमार सांगवान को टिकट दिए जाने पर लोगों का कहना है कि ऐसे ईमानदार इंसान को टिकट देकर जयंत चौधरी ने हर किसी का दिल जीत लिया है।
डॉ. राजकुमार सांगवान ऐसे नेता हैं, जिन्होंने पार्टी के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने विवाह तक नहीं किया। उन्हें कई बार दूसरी पार्टी से टिकट के लिए ऑफर मिला लेकिन उन्होंने ये कहते हुए इनकार कर दिया कि चौधरी चरण सिंह से प्रेरित होकर राजनीति में आए, जब तक जीवन है, इस पार्टी को नहीं छोड़ेंगे।
माया त्यागी कांड के विरोध में आंदोलन में वर्ष 1980 में गए थे जेल
डॉ. राजकुमार सांगवान (63) वर्ष 1980 में पहली बार बागपत के माया त्यागी कांड में हुए आंदोलन में जेल गए थे। इसके अलावा वे दर्जनों बाद छात्र और किसान आंदोलनों में जेल गए। वर्ष 1982 में वे मेरठ में रालोद के जिला उपाध्यक्ष बने। इसके बाद वर्ष 1986 में वे छात्र रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने। 1990 में मेरठ के युवा रालोद के जिलाध्यक्ष रहे। इसके बाद वे युवा रालोद में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष बने। वर्ष 1995 में चौधरी अजित सिंह ने उन्हें झारखंड और बिहार के चुनाव का प्रदेश प्रभारी बनाया। इसके बाद वे रालोद में प्रदेश महामंत्री और प्रदेश महामंत्री सगंठन बने।
वर्तमान में रालोद के राष्ट्रीय सचिव हैं डॉ. सांगवान
वर्तमान में वह रालोद के राष्ट्रीय सचिव हैं। विधानसभा चुनाव में वह सिवालखास विधान सभा के उम्मीदवार घोषित होने वाले थे लेकिन ऐन वक्त पर सपा ने इस सीट पर गुलाम मोहम्मद को रालोद से प्रत्याशी घोषित करा दिया था। पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा इतनी रही कि कि कटने के बाद भी वह गुलाम मोहम्मद को चुनाव लड़ाने के लिए उनके घर पहुंच गए थे।
एमए-पीएचडी हैं डॉ. सांगवान, मेरठ कॉलेज में रहे प्रोफेसर
डॉ. राजकुमार सांगवान ने मेरठ कालेज से एमए इतिहास किया। इसके बाद उन्होंने चौधरी चरण सिंह के ऊपर पीएचडी की। वह मेरठ कॉलेज में इतिहास के प्रोफेसर रहे हैं।
साभार : अमर उजाला
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं