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केंद्र व त्रिपुरा सरकार ने 2 उग्रवादी संगठन के साथ शांति समझौते पर किया हस्ताक्षर

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अगरतला. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में बुधवार को केंद्र सरकार, त्रिपुरा सरकार, नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (ATTF) के प्रतिनिधियों ने एकसाथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा और गृह मंत्रालय और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। केंद्र सरकार, त्रिपुरा सरकार, एनएलएफटी और एटीटीएफ के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह समझौता पूर्वोत्तर के लिए 12वां और त्रिपुरा से संबंधित तीसरा समझौता है।

10 हजार उग्रवादियों ने  किया आत्मसमर्पण

अमित शाह ने बताया कि अब तक लगभग 10 हजार उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है और अपने हथियार डाल दिए हैं। इसके साथ वह अब मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। आज एनएलएफटी और एटीटीएफ के आत्मसमर्पण और समझौते के साथ ही लगभग 328 से अधिक सशस्त्र कैडर मुख्यधारा में शामिल हो जाएंगे।

शांति समझौतों को सरकार द्वारा लागू किया

इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति और विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में हस्ताक्षरित सभी शांति समझौतों को सरकार द्वारा लागू किया गया है।

पूर्वोत्तर को विकास पैकेज

गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित 2500 करोड़ रुपये के विकास पैकेज को पूर्वोत्तर में लागू किया गया है। शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उग्रवाद, हिंसा और संघर्ष से मुक्त विकसित पूर्वोत्तर के सपने को पूरा करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है।

12 महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर

गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति और समृद्धि लाने के लिए 12 महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें से तीन त्रिपुरा से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि इन समझौतों के कारण करीब 10000 लोग हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हुए हैं।

क्या है NLFT और ATTF?

नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (एटीटीएफ) एक उग्रवादी संगठन है। केंद्र सरकार ने 1997 में एनएलएफटी और एटीटीएफ को गैरकानूनी घोषित करते हुए प्रतिबंध लगा दिया था। वर्ष 2019 में इन संगठनों पर प्रतिबंध को 5 के लिए बढ़ाया गया और फिर पिछले साल 2023 में इसपर लगा प्रतिबंध फिर से बढ़ाया गया था।

NLFT और ATTF का मकसद क्या है?

गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया था कि एनएलएफटी और एटीटीएफ का मकसद पूर्वोत्तर राज्य के अन्य सशस्त्र अलगाववादी संगठनों के साथ मिलकर हथियार के बल पर त्रिपुरा को भारत से अलग करके एक स्वतंत्र राष्ट्र की स्थापना करना है। यह दोनों संगठन हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे हैं और यह लोगों के बीच आतंक और हिंसा फैला रहे हैं, इसलिए इनपर प्रतिबंध लगाया गया है।

साभार : दैनिक जागरण

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