चंडीगढ़. हरियाणा में एक राजनैतिक पार्टी के कार्यकर्ता ने चुनावी रैली की अनुमति के लिए निर्वाचन आयोग के पोर्टल पर आवेदन किया तो उसे जवाब में अनुमति की बजाय अपशब्द मिले। एसडीएम कार्यालय में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर की कारगुजारी से नाराज एसडीएम ने शुक्रवार को पांच ऑपरेटरों को निलंबित कर दिया। एसडीएम ने पुलिस को केस दर्ज करने के लिए शिकायत भेजी है। साइबर पुलिस ने आयोग की वेबसाइट हैक करने के आरोप में अज्ञात पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पार्टी कार्यकर्ता कैथल निवासी शुभम राणा ने कैथल में रैली की अनुमति लेने के लिए निर्वाचन आयोग के एनकोर पोर्टल पर आवेदन किया था। शुक्रवार सुबह कैथल के एआरओ एसडीएम ब्रह्म प्रकाश ने कार्यालय पहुंचकर पोर्टल खोला तो ऑनलाइन आवेदन में रैली को अनुमति देने या अनुमति न देने वाले कॉलम में हरियाणवी भाषा में अपशब्द लिखे थे। साथ ही अनुमति का ऑर्डर देने के विकल्प के स्थान पर किसी महिला की फोटो लगा दी गई थी। निर्वाचन आयोग के इस ऑनलाइन आवेदन में डिलीट करने का विकल्प नहीं होता इसलिए किसी भी ऑपरेटर की ओर से की गई इन टिप्पणियों को डिलीट नहीं किया जा सका।
एसडीएम ब्रह्म प्रकाश ने सभी ऑपरेटरों से इस तरह की टिप्पणी करने के बारे में पूछताछ की। जब सभी ने मामले में शामिल होने से इन्कार कर दिया तो एसडीएम ने पांच ऑपरेटर को सस्पेंड कर दिया। एसडीएम ने कहा कि जांच के बाद ही पता लगेगा कि किस यूजर आईडी से कारगुजारी की गई है। उन्होंने कहा कि ऐसा भी हो सकता है कि किसी ने आईडी या पोर्टल को हैक कर लिया हो।
रैली के लिए अनुमति मांगने पर यह कारगुजारी देश के लोकतांत्रिक इतिहास में काला अध्याय है। इससे साबित होता है कि कैथल में अधिकारी नहीं, बल्कि भाजपा एजेंट चुनाव आयोग के कार्यालय में बैठे हैं। जो प्रशासनिक अधिकारी आचार संहिता का सम्मान नहीं करते उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। लोकतंत्र में निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना चुनाव आयोग का काम है। बार-बार ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं जिनसे लगता है कि चुनाव आयोग अपनी भूमिका निभाने में विफल हो रहा है। – अनुराग ढांडा, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष, आम आदमी पार्टी
साभार : अमर उजाला
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