रांची. झारखंड में लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से ईडी की छापेमारी से सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया. जानकारी के मुताबिक, ईडी ने आज (सोमवार, 06 मई) रांची में कई ठिकानों पर छापेमारी कर बड़े पैमाने पर कैश बरामद किया है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेता और झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के नौकर के घर ईडी ने भारी नकदी जब्त की गई है. बरामद नकदी 33 करोड़ रुपये के बीच होने का अनुमान है. नोटों को गिनने के लिए बैंक से नोट गिनने वाली मशीनें मंगाई जा रही हैं.
ईडी का मानना है कि यह काली कमाई का हिस्सा है. सूत्रों के मुताबिक, ED की ये कार्रवाई ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम और उनके करीबियों के ठिकानों पर हुई. वीरेंद्र राम अभी भी जेल में बंद हैं. ईडी की टीम ने फरवरी 2023 में वीरेंद्र राम के ठिकानों पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में छापेमारी की थी और उन्हें गिरफ्तार किया था. सूत्रों के मुताबिक, आज की छापेमारी उसी मामले की जांच का विस्तार बताया जा रहा है.
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और कारोबारी धीरज साहू के ठिकानों से आईटी ने 350 करोड़ से ज्यादा कैश बरामद किया था. पीएम मोदी जब झारखंड में चुनाव प्रचार कर रहे थे, तब उन्होंने भी करप्शन का मुद्दा उठाया था. भ्रष्टाचार पर कांग्रेस और जेएमएम को घेरते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस सांसद धीरज साहू के घर से नकदी बरामदी का जिक्र किया था. पीएम मोदी की रैली के कुछ दिन बाद एक बार फिर से ईडी ने प्रदेश में कार्रवाई की है. इस बार भी ईडी को बड़ी मात्रा में कैश मिला है.
कौन हैं आलमगीर आलम?
आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा से कांग्रेस के चार बार विधायक रहे हैं और अभी राज्य सरकार में संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास मंत्री हैं. इससे पहले आलमगीर आलम 20 अक्टूबर 2006 से 12 दिसंबर 2009 तक झारखंड विधानसभा अध्यक्ष भी रहे थे. ईडी ने जब धीरज साहू के घर से करोड़ों की नकदी बरामद की थी, तब आलमगीर आलम ने उनका बचाव किया था. धीरज साहू का बचाव करते हुए आलमगीर आलम ने कहा था कि ये मामला विधानसभा का नहीं है, बीजेपी अपनी राजनीति चमकाने के लिए विधानसभा को बतौर प्लेटफॉर्म यूज कर रही है.
साभार : जी न्यूज
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