नई दिल्ली. बांग्लादेश से भाग कर आईं की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अब कहां रहेंगी? सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि शेख हसीना ने फिलहाल भारत में ही रहने की इच्छा जाहिर की है. भारत सरकार ने शेख हसीना से अपना आगे का प्लान बताने के लिए कहा है. दरअसल, शेख हसीना यूके जाना चाहती हैं, लेकिन अभी तक कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. हालांकि, भारत ने साफ कर दिया है कि शेख हसीना लंबे समय तक भारत में नहीं रह सकतीं हैं.
अपना भविष्य खुद तय करें शेख हसीना
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सोमवार को शेख हसीना से गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट पर जाकर मुलाकात की थी. तब उन्होंने भारत सरकार का स्टैंड बता दिया था. सूत्रों के मुताबिक, शेख हसीना को मोदी सरकार ने अपना भविष्य खुद तय करने को कहा है. हालांकि, शेख हसीना भारत में रहने की इच्छुक हैं, लेकिन सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अनिश्चित काल तक यहां नहीं रह सकतीं.
पीएम मोदी से मिलना चाहती हैं शेख हसीना
शेख हसीना इस समय भारतीय खुफिया विभाग की निगरानी में हैं. इस बीच एक सूत्र ने खुलासा किया, “शेख हसीना ने पीएम मोदी से मुलाकात की मांग की है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके असर को देखते हुए यह फिलहाल थोड़ा मुश्किल लगता है.” सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, “शेख हसीना के साथ आए लोग भी वापस बांग्लादेश नहीं जा सकते हैं, इसलिए उनके लिए भी व्यवस्था की जा रही है.”
शेख हसीना का विमान बांग्लादेश लौटा
शेख हसीना अभी भारत में ही हैं, लेकिन बांग्लादेश वायु सेना का सी-130जे विमान बांग्लादेश वापस चला गया है. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत के हित को ध्यान में रखते हुए सब कुछ किया जा रहा है. हमने सीमा सुरक्षाबलों को अलर्ट पर रहने और बाढ़ का प्रबंधन करने के लिए कहा है, ताकि बांग्लादेश की ओर से घुसपैठ न हो सके.” अधिकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय और त्रिपुरा की सरकारें सीमाओं पर की जा रही व्यवस्थाओं में शामिल हैं. सेना और बीएसएफ को सभी एहतियाती कदम उठाने को कहा गया है.
भारत में बेटी संग नहीं रह पाएंगी शेखा हसीना
एक सूत्र ने बताया, “शेख हसीना की एक बेटी है, जो भारत में काम करती हैं. वह कुछ समय के लिए अपनी बेटी के साथ रहना चाहती हैं. लेकिन शेख हसीना की बेटी एक अंतरराष्ट्रीय संगठन के लिए काम करती है, इसलिए फिलहाल इन हालातों में ऐसा नहीं हो पाएगा. शेख हसीना ने यूनाइटेड किंगडम में शरण मांगी है. लेकिन उनकी कागजी कार्यवाई अभी तक पूरी नहीं हुई है. एक अधिकारी ने बताया, “ध्यान रखें कि यूके में लेबर पार्टी की सरकार है और वे मानवाधिकारों के उल्लंघन के प्रति बहुत संवेदनशील हैं.”
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साभार : एनडीटीवी, नवभारत टाइम्स
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