गुरुवार, नवंबर 21 2024 | 11:46:12 PM
Breaking News
Home / राज्य / उत्तरप्रदेश / नकली नोट छापने वाले मदरसे बैंक अकाउंट्स हुआ सीज, चलेगा बुलडोजर

नकली नोट छापने वाले मदरसे बैंक अकाउंट्स हुआ सीज, चलेगा बुलडोजर

Follow us on:

लखनऊ. प्रयागराज में नोट छापने वाले मदरसे पर अब शिकंजा कसता जा रहा है। मदरसा सील करने के बाद अब मदरसे में हो रही फंडिंग की भी जांच शुरू हो चुकी है। मदरसे के तीन बैंक अकाउंट्स को पुलिस ने सीज कर दिया है। पुलिस ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक में मदरसे का जो खाता था, उसको पूरी तरह सीज कर दिया है। अब इन खातों में जमा रकम को मदरसे का मैनेजमेंट इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। बैंक अकाउंट खुलने के बाद से कहां-कहां से किसने कितनी रकम भेजी है, इसकी डिटेल्स भी पुलिस ने बैंक से मांगी है। शुरुआती जांच में ही ये पता चला था कि बैंक में विदेशों से काफी पैसा भेजा जाता था और मौजूदा समय में मदरसे के एक बैंक अकाउंट में 40 लाख रुपये भी जमा थे।

पीडीए ने चिपकाया नोटिस

वहीं प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने भी मदरसे पर शिकंजा कसते हुए पहले उसको अवैध निर्माण कराने के मामले में सील किया, उसके बाद आज प्राधिकरण की तरफ से मदरसे के गेट पर नोटिस भी चस्पा कर दिया गया। इस नोटिस में साफ-साफ लिखा है कि मदरसे में जो भी निर्माण हुआ है उसका नक्शा और उसके बारे में विस्तृत जवाब 18 तारीख तक देना होगा। अगर मदरसे के अवैध निर्माण का सन्तोषजक जवाब पीडीए को नहीं मिला, तो पीडीए बुलडोजर से मदरसे के सभी निर्माण को ध्वस्त करेगा। हालांकि मदरसे पर बुलडोजर एक्शन की उम्मीद ज्यादा है, क्योंकि मदरसे के निर्माण का कोई भी नक्शा पास नहीं है। नए और पुराने सभी निर्माण मदरसे को संचालित करने वाली सोसायटी ने बिना पीडीए से ले-आउट पास कराए ही करवा लिया था।

बाहर के माहौल से नहीं था मतलब

दरअसल, पूरा मदरसा प्रयागराज के पॉश इलाके में डेढ़ बीघा जमीन पर बनाया गया है। इसके अंदर एक बड़ी मस्जिद है, उसके बगल में मकबरा है और मकबरे से सटा हुआ जामिया हबीबिया मदरसा संचालित होता था। मदरसे में 60 से ज्यादा कमरों का हॉस्टल भी है, जिसमें बाहर से आकर छात्र इस्लामिक शिक्षा लेते थे। मौजूदा समय में मदरसे में 130 छात्र पंजीकृत हैं, जो उड़ीसा, बिहार और झारखंड सहित अन्य प्रदेशों से आते हैं। मदरसा परिसर सील होने के कारण आज जुमे की नामाज नहीं हुई। कई नमाजी ताला देख कर लौट भी गए। मदरसे के सामने रहने वाले लोगों का कहना है कि मदरसे में अंदर लोग पढ़ाई करते थे, बाहर के माहौल से ये लोग मतलब नहीं रखते थे और किसी से मिलना-जुलना भी नहीं था, इसलिए अंदर क्या होता है इसका पता नहीं चलता था।

आरोपियों की कोर्ट में होगी पेशी

बता दें कि नकली नोट छापने के मामले में पुलिस ने मदरसे के प्रिंसिपल तफसिरुल अरिफीन और मदरसे के मौलाना जाहिर खान सहित दो और लड़कों को गिरफ्तार किया था और सभी को जेल भेजा था। अब मदरसे के विदेशी फंड और इन लोगों के किसी कट्टरपंथी संगठन से संबंधों के बारे में पुलिस पता लगा रही है। प्रयागराज पुलिस ने आरोपियों की रिमांड की अर्जी भी कोर्ट में दाखिल की है, जिस पर शनिवार यानी कल कोर्ट फैसला सुनाएगी। रिमांड मिलने के बाद पुलिस की पूछताछ में आरोपियों से कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।

साभार : इंडिया टीवी

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

ओवैसी के उ.प्र. प्रमुख शौकत अली ने कांवड़ियों को बताया नशेड़ी और हुड़दंगी

लखनऊ. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के यूपी चीफ ने कांवड़ियों को ‘हुड़दंगी’ करार दिया …