कोलकाता. पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित आरजी कर अस्पताल में एक जूनियर महिला डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार (5 सितंबर) शाम को आमरण अनशन शुरू कर दिया. डॉक्टरों ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने उनकी मांगें पूरी नहीं कीं. डॉक्टर कोलकाता के मध्य में स्थित धर्मतला इलाके में डोरीना क्रॉसिंग पर शुक्रवार को धरना पर बैठे थे और उन्होंने राज्य सरकार को वादे के अनुसार अपनी मांगें पूरी करने के लिए 24 घंटे का समय दिया था.
‘मांगें पूरी करने में फेल हुई बंगाल सरकार’
एक जूनियर डॉक्टर ने कहा, ‘‘राज्य सरकार समय सीमा के भीतर हमारी मांगें पूरी करने में विफल रही, इसलिए हम अपनी मांगें पूरी होने तक आमरण अनशन शुरू कर रहे हैं. इसमें पारदर्शिता बनाए रखने के लिए हमने उस मंच पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, जहां हमारे साथी अनशन करेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने वादे के अनुसार ड्यूटी पर जाएंगे, लेकिन हम कुछ भी नहीं खाएंगे.’’ एक जूनियर डॉक्टर ने बताया कि अभी छह लोग अनशन कर रहे हैं. अनशन पर बैठने वाले छह डॉक्टरों में कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की स्निग्धा हाजरा, तान्या पांजा और अनुष्टुप मुखोपाध्याय, एसएसकेएम के अर्नब मुखोपाध्याय, एन.आर.एस. मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पुलस्थ आचार्य और के.पी.सी मेडिकल कॉलेज की सायंतनी घोष हाजरा शामिल हैं.
‘अनशन के दौरान हालत बिगड़ी तो ममता सरकार होगी जिम्मेदार’
जूनियर डॉक्टर ने कहा कि यदि अनशन के दौरान किसी डॉक्टर की तबीयत खराब होती है तो इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी. उन्होंने कहा, ‘‘हमें लोगों का समर्थन प्राप्त है और यही कारण है कि हम प्रशासन की किसी भी तरह की बाधा से नहीं डरते. जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं हम भूख हड़ताल जारी रखेंगे.’’ जूनियर डॉक्टरों के विरोध स्थल पर शाम को बड़ी संख्या में आम लोग और कुछ मशहूर हस्तियां मौजूद थीं. जूनियर डॉक्टरों ने ‘पूर्ण कार्यबंदी’ वापस लेने के बाद अनशन शुरू किया.
साभार : एबीपी न्यूज़
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