इम्फाल. मणिपुर सरकार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को बुधवार (10 जनवरी) को इजाजत दे दी. मणिपुर सरकार की तरफ से यह मंजूरी कांग्रेस की तरफ से हट्टा कांगजेइबुंग मैदान से यात्रा को हरी झंडी दिखाने के लिए संपर्क करने के 8 दिन बाद मिली. इंफाल ईस्ट जिले के जिलाधिकारी कार्यालय ने आदेश में कहा, “किसी भी अप्रिय घटना और कानून-व्यवस्था में गड़बड़ी को रोकने के लिए 14 जनवरी को केवल सीमित संख्या में प्रतिभागियों के साथ यात्रा को हरी झंडी दिखाने की अनुमति दी गई है. प्रतिभागियों की संख्या और नाम इस कार्यालय को पहले ही उपलब्ध करा दिए जाएंगे ताकि यह कार्यालय सभी आवश्यक एहतियाती कदम उठाने में सक्षम हो सके.”
इससे पहले कांग्रेस ने दावा किया था कि मणिपुर सरकार ने इंफाल के पैलेस ग्राउंड से ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू करने के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया है. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस यात्रा की शुरुआत के लिए इंफाल में किसी दूसरे स्थान का चुनाव करेगी. बता दें कि मणिपुर पिछले साल मई से जातीय हिंसा की चपेट में है, जिसमें 180 से अधिक लोगों की मौत हुई है.
कांग्रेस का क्या कहना है?
कांग्रेस का कहना है यह यात्रा सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय तीनों पर केंद्रित है. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने चर्चा के लिए संसद का दरवाजा बंद कर दिया है, इसलिए लोगों की आवाज उठाने के मकसद से यात्रा निकालनी पड़ रही है.
किन राज्यों से होकर गुजरेगी?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में 14 जनवरी से ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ मणिपुर से शुरू होने वाली है. करीब 6,700 किलोमीटर दूरी तय करके यह यात्रा 15 राज्यों से होकर मुंबई में समाप्त होगी. ये राज्य -मणिपुर, नगालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र हैं. बता दें कि इससे पहले राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाली थी. भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लोकसभा चुनाव को देखते हुए काफी अहम माना जा रहा है.
साभार : एबीपी न्यूज़
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