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धर्मांतरण से बचकर राजस्थान आये हजारों लोगों को सीएए का इंतजार

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जयपुर. पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर भारत आ रहे हिन्दूओं को नागरिकता देने के लिए केंद्र सरकार लोकसभा चुनावों से पहले ही नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू करवाना चाहती है। गृह मंत्री अमित शाह इसे लेकर पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले सीएए लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।

राजस्थान में रह रहे हैं 30 हजार से ज्यादा शरणार्थी

राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में रह रहे करीब 30 हजार से ज्यादा लोग सीएए की अधिसूचना का इंतजार कर रहे हैं। ये वे लोग हैं जो पाकिस्तान से राजस्थान के विभिन्न जिलों में आकर शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं और बरसों से भारत की नागरिकता का इंतजार कर रहे हैं। पाकिस्तान की सीमा से सटे जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर में पाकिस्तान से पलायन करके आए हिंदू बड़ी संख्या में रहते हैं। अकेले जोधपुर में 18 हजार रजिस्टर्ड पाकिस्तानी हिंदू रह रहे हैं, जो कई वर्षों से भारत की नागरिकता का इंतजार कर रहे हैं।

पाकिस्तान में होने वाले उत्पीड़न से परेशान हो कर लॉन्ग टर्म वीजा पर भारत आए ये लोग अब भारत की नागरिकता का इंतजार कर रहे हैं। सामान्यत: इन्हें नागरिकता मिलने में पांच से दस साल और कई बार तो इससे भी ज्यादा समय लग जाता है, क्योंकि प्रक्रिया लंबी है और इसमें इंटेलीजेंस रिपोर्ट सहित कई तरह की औपचारिकताएं भी शामिल हैं। सीमावर्ती जिलों में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों की नागरिकता के लिए लंबे समय से काम कर रहे सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढ़ा का कहना है कि सीएए के लागू होने से हमारी बहुत सी समस्याएं खत्म हो जाएंगी। सोढ़ा का कहना है कि हम अपनी ओर से प्रक्रिया को सरल बनाने के कई सुझाव सरकार को दे चुके हैं, अब देखना यही है कि सरकार क्या नियम और उपनियम लेकर आती है, क्योंकि कानून तो बनने के बाद नियमों की जटिलता के कारण इन्हें लागू करना मुश्किल हो जाता है।

पूरे दस्तावेजों के साथ मौजूद हैं ज्यादातर शरणार्थी 

राजस्थान में आए हिंदू शरणार्थियो में से ज्यादातर ऐसे हैं, जिनके पास दस्तावेज पूरे हैं और सीएए लागू होने के बाद उन्हें नागरिकता मिलने में ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। हिंदू सिंह सोढ़ा का कहना है कि ज्यादातर लोगों के पास पूरे दस्तावेज हैं, लेकिन जिनके पास नहीं हैं, उनके बारे में भी हमने सरकार को सुझाव दिए हुए हैं और उम्मीद है कि सरकार उन पर काम करेगी। उन्होंने कहा कि कानून लागू होने के बाद सरकार को विशेष शिविर लगाकर नागरिकता देनी चाहिए ताकि यह काम जल्द से जल्द पूरा हो सके।

साभार : अमर उजाला

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