इस्लामाबाद. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान का पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संगठनात्मक चुनावों को रद्द घोषित कर दिया। कोर्ट ने पार्टी के चुनाव निशान क्रिकेट के बल्ले को बरकरार रखने की मांग को भी खारिज कर दिया है, जो 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव से पहले जेल में बंद इमरान खान के लिए बड़ा झटका है। पाकिस्तान चुनाव आयोग ने पेशावर हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें उसने पीटीआई पार्टी के चुनावों को वैध करार देते हुए क्रिकेट के बल्ले को उसके चुनाव चिन्ह के रूप में बहाल कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया है।
इमरान खान ने 2018 में क्रिकेट बैच के निशान पर ही चुनाव लड़तकर जीत हासिल की थी। ये चनाव निशान उनकी पार्टी की पहचान रहा है। इमरान की पार्टी का चुनाव निशान वापस लिए जाने के बाद वह इलेक्शन के मैदान से लगभाग बाहर हो गई है। आठ फरवरी के आम चुनावों से पहले पाकिस्तान के चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों को चुनाव चिह्न आवंटित करने हैं। आयोग ने निर्वाचन अधिकारियों को शनिवार को जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के उन उम्मीदवारों क नामांकन पत्रों को खारिज करने का आदेश दिया है, जो बल्ले के चुनाव चिह्न पर जमा किए जाएं।
इमरान के लिए बंद हुई राहें
इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने 2018 के चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल की थी और वगह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे। इमरान खान को अप्रैल 2022 में विपक्षी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव लाकर पीएम पद से हटा दिया। इसके बाद से इमरान खान की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पांच अगस्त को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद से इमरान खान रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं। उनकी पार्टी के खई बड़े नेता और कार्यकर्ता भी या तो गिरफ्तार हैं या फिर अंडरग्राउंड हैं। इस सबके बीच उनकी पार्टी के अंदरुनी चुनावों के आधार पर क्रिकेट बैट का सिंबल भी ले लिया गया है। इससे वह चुनाव मैदान से तकरीबन बाहर हो गए हैं।
पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव होने हैं। चुनाव में इमरान की पीटीआई के अलावा नवाज शरीफ की पीएमएलएन और बिलावल भुट्टो की पीपीपी मैदान में हैं। चुनाव में इमरान खान के जेल में बंद होने की वजह से नवाज शरीफ को आगे माना जा रहा है। इमरान खान ने कई बार ये कहा है कि नवाज शरीफ को जिताने के लिए देश की सेना और संस्थाएं काम कर रही हैं।
साभार : नवभारत टाइम्स
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