रांची. झारखंड में शुक्रवार को चंपई कैबिनेट का विस्तार और मंत्रियों के विभागों का बंटवार हुआ। गृह विभाग समेत 3 विभाग मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अपने पास रखें। इसके अलावा जो विभाग मंत्रियों को नहीं दिए हैं, वे भी उनके पास हैं। बसंत सोरेन को पथ-भवन निर्माण दिया गया है।
इसके पहले राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने राजभवन में 8 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। इनमें JMM के 5 और कांग्रेस के 3 विधायक शामिल हैं। हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन को भी मंत्री बनाया गया है। हेमंत की भाभी सीता सोरेन के नाम की भी चर्चा थी, लेकिन वे मंत्री नहीं बन पाईं।
आठ में से 6 मंत्री पहले भी हेमंत सोरेन की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। सिर्फ बसंत सोरेन और दीपक बिरुआ को पहली बार मंत्री बनाया गया है। अंतिम समय में कांग्रेस विधायक बैद्यनाथ राम का नाम कट गया। अब चंपई सरकार में मुख्यमंत्री सहित 11 मंत्री हो गए हैं। हेमंत सोरेन की सरकार में भी मुख्यमंत्री समेत 11 मंत्री थे।
ये फिर मंत्री बने- रामेश्वर उरांव (कांग्रेस), बन्ना गुप्ता (कांग्रेस), बादल पत्रलेख (कांग्रेस), मिथिलेश ठाकुर (जेएमएम), हफीजुल हसन (जेएमएम), बेबी देवी (जेएमएम)। ये छह विधायक हेमंत सोरेन सरकार में भी मंत्री रहे हैं।
ये पहली बार मंत्री बने- बसंत सोरेन (जेएमएम), दीपक बिरुआ (जेएमएम)
पहले ये ले चुके हैं शपथ- JMM विधायक चंपई सोरेन (सीएम पद) ने कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम और राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता के साथ शपथ ली थी।
नाराज कांग्रेस विधायकों ने की बैठक
शपथ ग्रहण समारोह के पहले सर्किट हाउस के कमरा नंबर- 107 में कांग्रेस की बैठक हुई। बताया जाता है कि कांग्रेस के 11 विधायक नाराज हैं। उनका कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस के पुराने चेहरे बदले जाएं और नए चेहरे को तरजीह दें। बैठक में अंबा प्रसाद, इरफान अंसारी, रामेश्वर उरांव, रामचंद्र सिंह, भूषण बाड़ा समेत कई बड़े नेता शामिल हुए। नाराज कांग्रेस के विधायकों की बैठक ढाई घंटे तक चली। बताया जा रहा है कि देर रात्रि कांग्रेस के विधायक दिल्ली कूच कर सकते हैं।
शपथ ग्रहण के 16वें दिन कैबिनेट विस्तार
31 जनवरी को हेमंत सोरेन के बतौर सीएम इस्तीफा दिए जाने के बाद 2 फरवरी को चंपई सोरेन ने 12वें सीएम के रूप में शपथ ली। जिसके बाद से कैबिनेट विस्तार की चर्चा होने लगी। इससे पहले आठ फरवरी को कैबिनेट विस्तार के लिए राजभवन की ओर से सहमति दी गई थी। बाद में इसे स्थगित करते हुए 16 फरवरी की तारीख तय की गई। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने इस पर सहमति देते हुए पहले तीन बजे का समय रखा था, जिसे बाद में चार बजे कर दिया गया।
हेमंत कैबिनेट में थे 11 मंत्री
झारखंड विधानसभा में विधायकों का जो संख्या बल है, उसके हिसाब से कैबिनेट में अधिकतम 12 मंत्री हो सकते हैं। हेमंत सोरेन की सरकार में 11 मंत्री ही थे। मंत्रिमंडल में 12वें मंत्री को जगह देने की मांग उठती रही है। इस बार भी कांग्रेस इसकी मांग कर रही थी, लेकिन 12वें मंत्री की शपथ नहीं दिलाई गई।
साभार : दैनिक भास्कर
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