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दत्तात्रेय होसबाले फिर चुने गए आरएसएस के सरकार्यवाह

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नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह पद पर दत्तात्रेय होसबाले को फिर से चुना गया है. उन्हें आरएसएस की प्रतिनिधि सभा ने 2024 से 2027 तक के लिए फिर से इस पद पर चुना है. संघ में जनरल सेक्रेटरी (महासचिव) को सरकार्यवाह कहते हैं. आरएसएस में सरसंघचालक (प्रमुख) के बाद दूसरा सबसे बड़ा पद सरकार्यवाह का ही होता है. दत्तात्रेय होसबाले 2021 से सरकार्यवाह की जिम्मेदारी निभा रहे हैं.

छह साल के अंतराल के बाद आरएसएस की वार्षिक तीन दिवसीय ‘अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा’ उसके मुख्यालय नागपुर में आयोजित की गई है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नई कार्यकारिणी में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले की ओर से 2024-27 के कार्यकाल के लिए 6 सहसरकार्यवाह नियुक्त किए गए हैं.

संघ के छह सहसरकार्यवाह

  1. कृष्ण गोपाल
  2. मुकुंद
  3. अरुण कुमार
  4. ⁠रामदत्त चक्रधर
  5. अतुल लिमये
  6. आलोक कुमार

कौन हैं दत्तात्रेय होसबाले?

दत्तात्रेय होसबाले का जन्म 1 दिसंबर 1954 को कर्नाटक के शिमोगा जिले के होसबाले गांव में हुआ था. दत्तात्रेय होसबाले का परिवार पहले से ही आरएसएस से जुड़ा हुआ था, इसलिए 1968 में वह भी संघ में शामिल हो गए. वह जब संघ के स्वयंसेवक बने तब वह 13 वर्ष के थे. उन्होंने बैंगलोर विश्वविद्यालय से अंग्रेजी से पोस्ट ग्रेजुएशन की थी. 1978 में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी करने के बाद वे संघ के प्रचारक बन गए थे.

देश में आपातकाल के दौरान दत्तात्रेय होसबाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्य थे और आंतरिक सुरक्षा रखरखाव अधिनियम (एमआईएसए) के तहत 14 महीने से ज्यादा समय तक जेल में रहे थे. वह 1972 में एबीवीपी से से जुड़े थे. विद्यार्थी परिषद में उन्होंने क्षेत्रीय और अखिल भारतीय स्तर पर कई जिम्मेदारियां संभाली. 1992 से 2003 तक यानी 11 वर्षों तक वह एबीवीपी के संगठन मंत्री रहे. 2003 में वह आरएसएस के अखिल भारतीय सह-बौद्धिक प्रमुख बने.

दत्तात्रेय होसबाले 2009 से 2021 तक आरएसएस के सह-सरकार्यवाह रहे. उनकी मातृभाषा कन्नड़ है लेकिन वह अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, मराठी और संस्कृत के भी जानकार हैं. वह कन्नड़ मासिक पत्रिका असीमा (Asima) के संस्थापक संपादक हैं. वह भारत में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों के संगठन विश्व विद्यार्थी युवा संगठन के संस्थापक महासचिव भी हैं.

साभार : एबीपी न्यूज

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