लखनऊ. हयातनगर थाना क्षेत्र के सरायतरीन मोहल्ला कच्छावान में 1982 के दंगों के चलते बंद हुए बालाजी मंदिर को पुलिस और प्रशासन ने मंगलवार को दोबारा खुलवा दिया है। सुबह पुलिस फोर्स के मौके पर पहुंचने के बाद मंदिर के कपाट खोले गए। मंदिर खुलते ही स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गई और पूजा-अर्चना शुरू हो गई। बालाजी मंदिर के गर्भगृह में हनुमान जी की प्रतिमा के साथ राधा-कृष्ण की प्रतिमा भी स्थापित है। हर-हर महादेव के नारों के बीच श्रद्धालु पूजा कर रहे हैं। आमतौर पर सूनसान रहने वाला इलाका अब भक्तों की भीड़ और नारों से गुंजायमान हो गया है। स्थानीय निवासी सुमित रस्तोगी ने बताया कि यह मंदिर करीब 200 वर्ष पुराना है। 1982 के दंगों के दौरान लोग परेशान होकर यहां से पलायन कर गए थे। उस समय इलाके में मिश्रित आबादी थी, लेकिन वर्तमान में यहां केवल मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं।
खग्गू सराय में खंडित मूर्तियां मिलीं
इसके अलावा, खग्गू सराय स्थित शिव मंदिर के परिसर में बने प्राचीन कुएं की खुदाई के दौरान सोमवार को भगवान शिव, गणेश, माता पार्वती और कार्तिकेय की खंडित मूर्तियां मिली हैं। पुलिस ने मूर्तियों को संरक्षण में लेकर जांच शुरू कर दी है। 1978 के दंगों के बाद खग्गू सराय में रहने वाले 40 रस्तोगी परिवार अपने मकान बेचकर पलायन कर गए थे। इसके बाद मंदिर बंद हो गया और प्राचीन कुएं को भी अटा दिया गया।
जिलाधिकारी ने दी जानकारी
संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि प्राचीन कुएं की खुदाई के दौरान मूर्तियां मिली हैं। मूर्तियों के खंडित होने के कारणों की जांच की जा रही है।
साभार : अमर उजाला
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं