लखनऊ. अमित शाह मानहानि केस में राहुल गांधी के खिलाफ सुलतानपुर की MP-MLA कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई टल गई। कोर्ट में वकीलों की हड़ताल है। जज भी छुट्टी पर थे। अब मामले में 26 जून को सुनवाई होगी। 4 महीने पहले मामले में राहुल गांधी को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। पेशी के दौरान राहुल ने 25-25 हजार के दो बॉन्ड भरे थे। 2 लोगों ने उनकी जमानत ली थी।
राहुल के खिलाफ यह मामला 5 साल पहले कर्नाटक में अमित शाह के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी से जुड़ा है। राहुल ने 2018 में कर्नाटक चुनाव के दौरान कहा था कि जो पार्टी ईमानदारी की बात करती है, उसका अध्यक्ष हत्या का आरोपी है। इसके बाद सुल्तानपुर के भाजपा नेता विजय मिश्र ने 4 अगस्त, 2018 को राहुल के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था।
मंगलवार को सुबह कोर्ट में राहुल के अधिवक्ता काशी प्रसाद शुक्ला ने बताया कि कोर्ट के अवकाश के चलते सुनवाई टल गई है। अब 26 जून को सुनवाई होगी। वादी के अधिवक्ता संतोष पाण्डेय ने बताया कि दरअसल आज अधिवक्ताओं की हड़ताल है। जज के अवकाश के कारण मानहानि मामले सुनवाई टल गई। अब इस मामले में कोर्ट ने 26 जून को सुनवाई की तिथि नीयत की है।
वहीं इसी मामले में कोतवाली नगर घरहां कलां डिहवा निवासी रामप्रताप पुत्र रामनेवाज ने पक्षकार बनने का प्रार्थनापत्र बीती तारीख पर कोर्ट में दिया है। पक्षकार बनाने के प्रार्थनापत्र का निस्तारण विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा की अदालत 26 जून को करेगी।
शाह के खिलाफ राहुल का पूरा बयान, जिस पर मानहानि का केस दर्ज हुआ
केस करने वाले भाजपा नेता विजय मिश्र के वकील संतोष पांडेय ने बताया 8 मई 2018 को बेंगलुरु में कर्नाटक चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने कहा था, ‘‘अमित शाह हत्या के आरोपी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने खुद लोया मामले में इसका उल्लेख किया। इसलिए मुझे नहीं लगता कि अमित शाह की कोई विश्वसनीयता है। जो पार्टी ईमानदारी और शुचिता की बात करती है, उसका अध्यक्ष हत्या का आरोपी है।”
बता दें कि स्पेशल कोर्ट जज बृजमोहन हरकिशन लोया की मौत दिसंबर 2014 में नागपुर में हुई थी। उस वक्त वह अपने एक साथी की बेटी की शादी में गए थे। जज लोया गुजरात के बहुचर्चित सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे। इसमें अमित शाह आरोपी थे। हालांकि लोया के बेटे ने अपने पिता की मौत को नेचुरल बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे सामान्य मौत बताते हुए मामले की SIT जांच से जुड़ी याचिका खारिज कर दी थी।
मानहानि का केस करने वाले बोले- बयान से भावनाएं आहत हुईं
इस मामले में याचिकाकर्ता विजय मिश्र ने दैनिक भास्कर को बताया था कि राहुल के बयान से उनकी भावनाएं आहत हुईं, क्योंकि वे खुद भाजपा से जुड़े हुए थे। उनकी भी समाज में मानहानि हुई है। इसलिए उन्होंने कोर्ट में इस मामले को लेकर केस दायर किया था। विजय मिश्र ने रामचंद्र और अनिल मिश्र को बतौर गवाह पेश किया था। विजय मिश्र ने सबूत के तौर पर यूट्यूब और अन्य वेबसाइट्स पर चले राहुल के बयान को पेश किया था। उन्होंने कहा था कि गवाहों के बयान और अन्य सबूत से राहुल को कोर्ट में तलब करने के पर्याप्त सबूत हैं।
राहुल के खिलाफ दो धाराएं, दो साल की सजा का प्रावधान
राहुल गांधी पर इस मामले में धारा 499 और 500 में केस दर्ज है। धारा 499 के मुताबिक किसी के बारे में झूठी अफवाहें फैलाना, टिप्पणी करना, उसकी मानहानि करना वहीं धारा 500 में मानहानि के लिए दंड का प्रावधान है। इस मामले में दो साल तक की जेल हो सकती है।
मोदी सरनेम पर 2 साल की सजा, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रोक
राहुल गांधी के मोदी सरनेम को लेकर दिए बयान पर गुजरात की सेशन कोर्ट ने 23 मार्च को फैसला सुनाया था। कोर्ट ने राहुल को अधिकतम दो साल की सजा दी थी। जिसके चलते उनकी सांसदी चली गई थी। हालांकि इस फैसले के खिलाफ राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिसने सेशन कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी। इसके बाद राहुल गांधी की सांसदी फिर से बहाल हुई थी।
साभार : दैनिक भास्कर
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