कोलकाता. पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और उसके बाद हत्या का पूरे देश में विरोध हो रहा है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर स्वतः संज्ञान लिया है. अब इस मामले की सुनवाई मंगलवार (20 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में जस्टिस जेबी परादीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ करेगी. जानकारी के मुताबिक, शीर्ष कोर्ट कोलकाता मामले की मंगलवार को सबसे पहले सुनवाई करेगा. हालांकि, मंगलवार को सुनवाई के लिए तय मुकदमों की सूची में ये केस 66 वें नंबर पर है, लेकिन उसमें विशेष उल्लेख है कि पीठ इस मामले को प्राथमिकता देते हुए इस पर सबसे पहले सुनवाई करेगी.
एससी में दायक की गई याचिका
बता दें कि इस मामले पर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. शनिवार को देशभर के डॉक्टर्स ने कोलकाता कांड के विरोध में ओपीडी और ओटी सेवाएं भी बंद रखीं. इस बीच सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे को लेकर एक याचिका दायर की गई. इस याचिका को चीफ जस्टिस के समक्ष प्रेषित किया गया था, जिसमें आग्रह किया गया कि 9 अगस्त को कोलकाता में पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के साथ गैंगरेप और मर्डर की भयावह और शर्मनाक घटना का शीर्ष कोर्ट स्वत: संज्ञान ले.
इस याचिका को सिकंदराबाद की आर्मी कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज की डेंटिस्ट डॉ. मोनिका सिंह के वकील सत्यम सिंह ने दायर किया. जिसमें उन्होंने अदालत से ये भी आग्रह किया कि 14 अगस्त को असामाजिक तत्वों द्वारा आरजी कर मेडिकल कॉलेज पर किए गए हमले की भी निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाए. इसके साथ ही उन्होंने सीजेआई को प्रेषित पत्र में मामले के लंबित रहने तक आरजी कर मेडिकल कॉलेज और उसके कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश देने की भी गुहार लगाई है. जिसपर उन्होंने तर्क दिया कि हमले और अपराध स्थल पर हुई बर्बरता को रोकने में स्थानीय कानून और प्रवर्तन एजेंसियां विफल रही हैं. जिसे देखते हुए ये कदम उठाना बेहद जरूरी है.
कॉलेज के पास 24 अगस्त तक निषेधाज्ञा लागू
बता दें कि फिलहाल आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल के पास कोलकाता पुलिस ने 18 अगस्त से 24 अगस्त तक निषेधाज्ञा लागू कर दी है. जिसके तहत पांच से ज्यादा लोगों के इकट्ठे होने और सभा करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. पुलिस के आदेश में कहा है कि कोलकाता पुलिस ने अस्पताल के आसपास भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा-163(2) लागू कर दी है.
साभार : न्यूज़नेशन
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