बुधवार, दिसंबर 18 2024 | 03:39:24 PM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / यूक्रेन अपने नागरिकों को सेना में भर्ती करने के लिए हर जगह मार रहा है छापा

यूक्रेन अपने नागरिकों को सेना में भर्ती करने के लिए हर जगह मार रहा है छापा

Follow us on:

कीव. सैनिकों की कमी से जूझ रही यूक्रेनी सेना अब शादी समारोह, नाइट क्लब, बार, रेस्टोरेंट और कॉन्सर्ट हॉल जैसी जगहों पर छापे मार रही है। दरअसल, यूक्रेन ने जंग की शुरुआत के बाद से ही पुरुषों के लिए सेना में शामिल होना अनिवार्य कर दिया था। इसके लिए इस साल अप्रैल में युवाओं से पंजीयन कराने के लिए कहा गया था। इस आदेश के बाद से यूक्रेन के युवा सेना में शामिल होने से बचने की कोशिशों में लगे हुए हैं। यूक्रेन फरवरी 2022 से रूस के साथ जंग लड़ रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस जंग में यूक्रेन करीब 80 हजार सैनिकों की मौत हो चुकी है। इस वजह से सैनिकों की कमी हो गई, जिसके चलते यूक्रेन नए सैनिकों की भर्ती कर रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का कहना है कि सेना में कम से कम 5 लाख युवाओं की भर्ती करने की जरूरत है।

पंजीयन नहीं कराने वाले युवाओं की गिरफ्तारी

राजधानी कीव में सेना के लिए पंजीयन नहीं कराने वाले युवाओं की पहचान के लिए सेना के छापे आम हो गए है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सेना का ये अभियान मुख्य रूप से युवाओं के सैन्य पंजीकरण दस्तावेजों की जांच और नियमों का उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार करने के लिए है। अभियान के प्रत्येक दल में पुलिस और सेना भर्ती अधिकारी शामिल होते हैं। यूक्रेन के मिलिट्री लॉ के एक वकील कास्यानचुक सर्गी का कहना है कि सेना अब शादी समारोहों में भी जाकर छापे मार रही है। ​सर्गी ने ऐसी एक कार्रवाई का विडियो सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है।

अप्रैल 2024 में लागू हुए नए सेना भर्ती नियम

यूक्रेन में अप्रैल से लागू हुए नए नियमों के अनुसार, 25 से 60 वर्ष की आयु के सभी पुरुषों के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य है। साथ ही, 18 से 60 वर्ष की उम्र के किसी भी पुरुष को देश छोड़ने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा सेना में भर्ती के लिए पात्र सभी लोगों को अपनी जानकारी भी ऑनलाइन दर्ज करनी होगी। ऐसा न करने पर उन्हें कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है। इन नियमों में सेना भर्ती के लिए न्यूनतम आयु सीमा को भी घटाकर 27 से 25 वर्ष कर दिया गया है। ऐसे में कई युवक सेना में जाने से बचने के लिए ऑनलाइन जानकारी दर्ज नहीं कर रहे हैं। इसके बाद सेना ने उन युवाओं का गिरफ्तारी अभियान शुरू किया है जिन्होंने सेना की अनिवार्य सेवा के लिए अभी तक रजिस्टर नहीं किया है।

साभार : दैनिक भास्कर

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

फिलीपींस में ज्वालामुखी विस्फोट के कारण खतरे में पड़ी 87 हजार लोगों की जान

मनीला. मध्य फिलीपींस क्षेत्र में अचानक से एक ज्वालामुखी में हुए विस्फोट से 87 हजार …