रांची. झारखंड में दूसरे चरण के मतदान से पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हिंदुओं के लिए छुट्टी की मांग की है, जिस पर राजनीतिक बहस छिड़ गई है. बीजेपी नेता शिवपूजन पाठक ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि सभी धर्मों को समान अधिकार मिलना चाहिए, जबकि जेएमएम और कांग्रेस नेताओं ने इसे चुनावी मुद्दा और नफरत फैलाने की कोशिश बताया. कांग्रेस नेता लाल किशोर नाथ शहदेव ने इसे धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास कहा, वहीं जेएमएम प्रवक्ता धीरज दुबे ने इसे केंद्र सरकार के स्तर पर तय करने की बात कही.
बीजेपी नेता शिवपूजन पाठक ने सरमा के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि यदि एक विशेष धर्म को छुट्टी दी जाती है, तो अन्य समुदाय भी इसकी मांग करेंगे. उन्होंने कहा कि बहुसंख्यक समाज को भी समान अधिकार मिलना चाहिए. दूसरी ओर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रवक्ता धीरज दुबे ने इसे चुनावी मुद्दा बताया. उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास अब कोई ठोस मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए भावनात्मक मुद्दों को उठाकर चुनाव लड़ने की कोशिश कर रही है. दुबे ने सुझाव दिया कि अगर बीजेपी को छुट्टी बदलनी है, तो इसे केंद्र सरकार के माध्यम से सभी राज्यों में लागू कराना चाहिए.
मंगलवार की छुट्टी पर राजनीति गर्म, कांग्रेस का भाजपा पर पलटवार
कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शहदेव ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि अगर मंगलवार को हिंदुओं की छुट्टी होती है, तो शुक्रवार को मुसलमानों के लिए भी छुट्टी होनी चाहिए. उन्होंने इसे बीजेपी का वोट बैंक बढ़ाने का प्रयास बताया और कहा कि झारखंड की जनता इस तरह के धार्मिक मुद्दों में उलझने वाली नहीं है. यह बहस चुनावी माहौल को और भी गर्म कर रही है, जबकि सभी दल जनता को लुभाने की कोशिश में जुटे हुए हैं.
साथ ही कांग्रेस नेता बन्ना गुप्ता ने इस पर कड़ा पलटवार किया. उन्होंने कहा कि भाजपा नफरत की राजनीति कर रही है और समाज को बांटने का प्रयास कर रही है. गुप्ता ने कहा कि राम मंदिरों में नहीं, बल्कि शबरी के झूठे बेरों में मिलते हैं. उन्होंने भाजपा पर डिवाइड एंड रूल की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस मोहब्बत से नफरत का जवाब देगी.
साभार : जी न्यूज़
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