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सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर के 12वीं तक के स्कूल बंद करने का दिया आदेश

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नई दिल्ली. दिल्ली की हवा डेंजर लेवल पर पहुंच गई है. बढ़ते एयर पॉल्यूशन (Delhi Air Pollution) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (18 नवंबर) को सुनवाई हुई. अदालत ने इस दौरान पॉल्यूशन में कमी लाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के सभी राज्यों को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी GRAP-4 के तहत पांबदियां लगाने के लिए तुरंत टीमें बनाने का निर्देश दिया है. जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने आज पॉल्यूशन को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है. अदालत ने कहा, “हम यहां स्पष्ट कर दे रहे हैं कि आप हमारी इजाजत के बगैर स्टेज 4 से नीचे नहीं आएंगे. भले ही AQI 300 से नीचे ही क्यों ना आ जाए.” सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही सभी NCR राज्यों की 12वीं तक की फिजिकल क्लासेस बंद करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने कहा है कि सभी स्कूल इस आदेश को तत्काल लागू करें. अब मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी.

दिल्ली सरकार ने अपने फैसले में क्या-क्या कहा?

-अदालत ने पूछा, “जब एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 से 400 के बीच पहुंचा, तो स्टेज 3 की पाबंदियां लागू करने में 3 दिन की देरी क्यों हुई? आप हमें गाइडलाइन बताएं.”

-सुप्रीम कोर्ट ने GRAP के तहत पॉल्यूशन कंट्रोल के उपाय लागू करने को लेकर CAQM (कमीशन ऑफ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट) से कहा कि कुछ तत्परता की जरूरत है. AQI के खतरनाक स्तर पर पहुंचते ही तुरंत GRAP के फेज लागू किये जाने चाहिए.

-अदालत ने पूछा कि पॉल्यूशन के इतने खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद भी आप कैसे रिस्क ले सकते हैं. दिल्ली सरकार ने सोमवार को सुबह 8 बजे से इस फेज की पाबंदियों को लागू किया है.

-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्यों का ये संवैधानिक दायित्व है कि नागरिक प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहें. लोग साफ पर्यावरण में सांस ले सके, सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी होगी.

अदालत ने कहा कि पराली जलाने को लेकर केंद्र और CAQM कोरिया या किसी और सटैलाइट डेटा इकट्ठा करें. इसमें ISRO को भी शामिल किया जाए, ताकि राज्य इनके आधार पर कार्रवाई हो सके. आप शुक्रवार तक आदेशों का अनुपालन करें.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “आयोग द्वारा अपनाया गया दृष्टिकोण यह प्रतीत होता है कि उन्होंने AQI में सुधार की प्रतीक्षा करने का फैसला किया है और इसलिए चरण 3 और चरण 4 के कार्यान्वयन में देरी हुई. यह पूरी तरह से गलत तरीका है. यहां तक कि AQI द्वारा थ्रेशोल्ड सीमा को कम करने की प्रत्याशा में भी, यह आयोग का कर्तव्य है कि वह GRAP III या GRAP IV का कार्यान्वयन शुरू करे, जैसा भी मामला हो. आयोग AQI में सुधार का इंतजार नहीं कर सकता.”

किसने लगाई याचिका?

दिल्ली प्रदूषण को लेकर एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह की अपील पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. 14 नवंबर को एमिकस क्यूरी ने कहा था- “प्रदूषण के लिए दिल्ली सरकार ने कुछ भी नहीं किया, हालात गंभीर हैं. दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर नहीं बनना चाहिए.” वहीं, दिल्ली-NCR में पॉल्यूशन के मैनेजमेंट पर एमसी मेहता ने भी अर्जी दी है.

कितना है दिल्ली का AQI?

दिल्ली के कई इलाकों में सोमवार को AQI 999 के आंकड़े को पार कर गया. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के SAMEER ऐप के जरिए दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, सुबह 10 बजे जहांगीरपुरी में 999, पंजाबी बाग में 904, आरकेपुरम में 909, द्वारका सेक्टर 8 में 999, बवाना में 962, सत्यवती कॉलेज में 999, अलीपुर में 973, नरेला में 954, आनंद विहार में 890 और मुंडका में AQI 898 दर्ज किया गया. नोएडा में AQI 384, गाजियाबाद में 400, गुरुग्राम में 446 और फरीदाबाद में 336 दर्ज किया गया है.

दिल्ली में 18 नवंबर से ग्रेप-4 लागू

दिल्ली में एयर पॉल्यूशन की खतरनाक स्थिति को देखते हुए आज से GRAP-4 लागू कर दिया गया है. AQI 12 नवंबर को 400 को पार कर गया था, लेकिन GRAP-3 को 14 नवंबर से ही लागू किया गया था. रविवार को AQI 450 तक पहुंचने के बाद GRAP 4 लागू करने का फैसला किया गया था. सोमवार सुबह स्थिति और बिगड़ गई. द्वारका, आनंद विहार और नजफगढ़ समेत कई जगहों पर AQI 500 और उसके करीब दर्ज किया गया. NCR में शामिल नोएडा और गुरुग्राम में भी हालात खराब रहे. लिहाजा ग्रेप-4 लागू कर दिया गया है. कोर्ट अदालत ने कहा कि उसके पिछले निर्देशों के अनुसार, CAQM को वायु गुणवत्ता खराब होने की प्रतीक्षा करने के बजाय निवारक उपाय करने चाहिए थे.

ग्रेप-4 के तहत कौन-कौन सी पांबदियां?

-ट्रकों की एंट्री बैन रहेगी. लेकिन जरूरी चीजों और सेवाओं वाली ट्रकों को एंट्री दी जाएगी. इसके तहत ग्रेप-4 में भी LNG/CNG और BS-VI ट्रकों की एंट्री मिलेगी.

-दिल्ली के बाहर से आने वाली SLV गाड़ियों की एंट्री नहीं होगी. लेकिन जरूरी चीजों और सेवाएं देने वाली इन गाड़ियों पर बैन लागू नहीं होगा. BS-VI, डीजल से चलने वाले मीडियम और हेवी गुड्स व्हीकल पर पाबंदी रहेगी.

– कंस्ट्रक्शन और डेवलपमेंट एक्टिविट पर रोक रहेगी. इसमें हाइवे, रोड, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, इलेक्ट्रिक पाइपलाइन, टेलीकम्युनिकेशन के प्रोजेक्ट शामिल हैं.

-5वीं तक के स्कूल पहले से ही बंद हैं. अब 6वीं से 12वीं तक के स्कूलों को भी बंद करने का आदेश है. ऑनलाइन क्लासेस चलाए जा सकते हैं.

-पॉल्यूशन को देखते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दे सकते हैं. प्राइवेट कंपनियां भी वर्क फ्रॉम होम दे सकती हैं.

-राज्य सरकारें इमरजेंसी की स्थिति में कॉलेज में पढ़ाई, इंस्टीट्यूट में कल्चरल एक्टिविटी बंद करा सकती हैं. कॉलेज भी ऑनलाइन क्लासेस करा सकते हैं. जरूरत पड़ने पर गाड़ियों के लिए ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू किया जा सकता है.

फ्लाइट और ट्रेन सर्विस पर पड़ा असर

धुंध और कोहरे के कारण दिल्ली-NCR की विजिबिलिटी पर असर पड़ा है. कम विजिबिलिटी की वजह से सोमवार को IGI एयरपोर्ट पर 8 फ्लाइट्स लेट हुई हैं. वहीं, नई दिल्ली स्टेशन पर आने वाली 28 से अधिक ट्रेनें लेट हुईं. जबकि 11 ट्रेनों को डायवर्ट करना पड़ा.

प्रदूषण से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें?

1-घर से बाहर निकलने से बचें
2-बिना मास्क के घर से बाहर नहीं निकलें.
3-घर में खिड़की दरवाजे बंद करके रखें
4-एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करें.
5-पब्लिक ट्रांसपोर्ट का यूज अधिक करें.
6-घर में धुआं करने से बचें.
7- किसी भी प्रकार की कोई कॉम्प्लिकेशन हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
8- योग करें खासकर प्राणायाम.
9- हरी भरी जगह ज्यादा रहे खासकर जहां पेड़ पौधे हो और संभव हो तो पेड़ पौधे भी लगाएं.
10- साफ सफाई का ध्यान नहीं जैसे हाथ धोएं, स्वच्छ पानी पिए, और साफ कपड़े ही पहने.
11- स्टीम का प्रयोग करें.

25 नवंबर को गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण पर सुनवाई

शीर्ष अदालत विभिन्न स्रोतों जैसे पराली जलाने, पटाखे, वाहन प्रदूषण, कचरा जलाने, औद्योगिक प्रदूषण आदि से वायु प्रदूषण से निपट रहा है. अब तक, आने वाले दिनों में अन्य मुद्दों पर विचार करने के साथ-साथ पराली जलाने और पटाखे जलाने के संबंध में आदेश पारित किए गए हैं. अदालत 25 नवंबर 2024 को वाहनों से होने वाले प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई करेगी. रंग-कोडित वाहन स्टिकर के संबंध में कोर्ट के निर्देशों का मुद्दा 3 जनवरी, 2025 को आगे विचार के लिए निर्धारित है.

साभार : एनडीटीवी

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