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केंद्र सरकार ने मणिपुर हिंसा को रोकने के लिए 50 केंद्रीय सुरक्षा बल की टुकड़ियां भेजने का लिया निर्णय

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इंफाल. मणिपुर में फिर से भारी हिंसा भड़कने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में केंद्रीय बलों के शीर्ष अधिकारियों के अलावा खुफिया तंत्र और गृह मंत्रालय के भी शीर्ष अधिकारी शामिल रहे। गृह मंत्री ने लगातार दूसरे दिन राज्य की सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार मणिपुर में ‘चुनौतीपूर्ण’ स्थिति के बीच राज्य में 5,000 से ज्यादा कर्मियों वाली अतिरिक्त 50 सीएपीएफ कंपनी भेजेगा। इससे पहले भी 20 कंपनियां भेजी जा चुकी हैं। यानी अब तक कुल 70 कंपनियां कानून व्यवस्था बनाने के लिए मणिपुर भेजी जा चुकी हैं।

बैठक में मणिपुर के हालातों पर चर्चा

जानकारी के अनुसार, बैठक में ताजा हिंसा के बारे में राज्य में तैनात अधिकारियों की रिपोर्ट पर चर्चा के अलावा आगे उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा हुई। सरकार मणिपुर में चुनौतीपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए सीएपीएफ की कंपनी भेज रही है। जिरीबाम जिले में भड़की हिंसा के अन्य स्थानों पर फैलने पर 12 नवंबर को जारी एक आदेश के बाद गृह मंत्रालय ने 20 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनी राज्य में भेजी थीं जिनमें से सीआरपीएफ की 15 और बीएसएफ की पांच कंपनी हैं।

मणिपुर में भेजी गई सीएपीएफ की 50 और कंपनी

सीआरपीएफ के महानिदेशक ए डी सिंह और अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के वरिष्ठ अधिकारी भी राज्य में मौजूद हैं। पिछले सप्ताह की तैनाती के बाद राज्य में अब सीएपीएफ की कुल 218 कंपनी हैं। मणिपुर पिछले साल मई से जातीय संघर्ष से जूझ रहा है। सूत्रों ने कहा कि रिपोर्ट की गई हिंसा के स्तर और बदल रही कानून व्यवस्था की स्थिति के अनुसार मणिपुर में इन नयी 50 इकाइयों को तैनात करने के लिए राज्य सरकार और गृह मंत्रालय के परामर्श से योजना तैयार की जा रही है।

फिर से राज्य में हालात नाजुक

पिछले साल मई से जातीय संघर्ष से जूझ रहे मणिपुर में महिलाओं और बच्चों के शव बरामद होने के बाद लोगों ने हिंसक प्रदर्शन किए जिससे एक बार फिर वहां स्थिति अस्थिर हो गई। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को बताया था कि मणिपुर में तैनात सभी सुरक्षा बलों को राज्य में व्यवस्था और शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा था, ‘‘पिछले कुछ दिनों से मणिपुर में सुरक्षा हालाक नाजुक बने हुए हैं। संघर्ष में दोनों समुदायों के सशस्त्र उपद्रवी हिंसा में लिप्त रहे हैं। इस हिंसा में लोगों की जान चली गई और लोक व्यवस्था में बाधा उत्पन्न हुई।’’

साभार : नवभारत टाइम्स

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