वाशिंगटन. सैन फ्रांसिस्को स्थित एआई स्टार्टअप ग्रेप्टाइल के सीईओ दक्ष गुप्ता अपनी कंपनी की कार्य संस्कृति का खुलासा करने के बाद एक गरमागरम ऑनलाइन बहस के केंद्र में आ गए। उन्होंने पारदर्शिता पर जोर देते हुए एक सोशल मीडिया पोस्ट में कंपनी के 84 घंटे के कार्य सप्ताह और न्यूनतम वर्क लाइफ बैलेंस की की बात कही थी। इस पर प्रतिक्रिया के रूप में लोगों ने उन्हें जान से मारने तक की धमकी दे दी। युवा सीईओ को बढ़ते विवाद के बीच अपने दृष्टिकोण का बचाव करना पड़ा।
गुप्ता का यह ट्वीट जल्दी ही वायरल हो गया, इसे 1.6 मिलियन से ज्यादा बार देखा गया, साथ ही हज़ारों टिप्पणियां और रीट्वीट भी किए गए। इसके बाद काम के घंटों और काम-जीवन संतुलन पर तीखी बहस छिड़ गई। कुछ लोगों ने युवा उद्यमी पर श्रमिकों का शोषण करने का आरोप लगाया। कुछ लोगों ने उन्हें मारने तक की धमकी दे दी। जबकि अन्य ने उनके समर्पण की प्रशंसा की।
एआई स्टार्टअप के सीईओ ने कंपनी की कठिन कार्य संस्कृति यह कहा
एक ट्वीट में गुप्ता ने ग्रेप्टाइल में 84 घंटे के काम के सप्ताह के बारे में बताया था। उन्होंने बताया था कि यहां घड़ी देर रात तक चलती है और सप्ताहांत पर भी लोग काम करते हैँ। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, “हाल ही में, मैंने उम्मीदवारों को पहले साक्षात्कार में ही बताना शुरू कर दिया कि ग्रेप्टाइल कोई कार्य-जीवन संतुलन प्रदान नहीं करता है। आम तौर पर कार्यदिवस सुबह 9 बजे शुरू होता है और रात 11 बजे समाप्त होता है। अक्सर हम शनिवार और कभी-कभी रविवार को भी काम करते हैं।”
साभार : अमर उजाला
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