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हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी सर्वे विवाद पर मस्जिद पक्ष से 4 हफ्ते में मांगा जवाब

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लखनऊ. वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाने का वैज्ञानिक सर्वेक्षण आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया (ASI) से कराए जाने की मांग से जुड़े मामले में एक जानकारी सामने आई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लार्ड आदि विश्वेश्वर की ओर से दाखिल याचिका को राखी सिंह की याचिका के साथ कनेक्ट करने का आदेश है. कोर्ट ने लार्ड आदि विश्वेश्वर अंजुमन मसाजिद कमेटी को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब मांगा है. वहीं उसके बाद दो हफ्ते में याची अधिवक्ता वाद मित्र को रिज्वाइंडर दाखिल करना होगा.

लार्ड आदि विश्वेश्वर की ओर से दाखिल याचिका में केन्द्रीय गुम्बद के नीचे खुदाई कर एएसआई से सर्वे की मांग की गई है. फास्ट ट्रैक कोर्ट वाराणसी ने वाद मित्र अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी की ओर से दाखिल अर्जी अक्टूबर महीने में खारिज कर दी थी. हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के 12 दिसंबर के प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को लेकर दिए गए आदेश के क्रम में सुनवाई की अगली तिथि नियत की है. अब 24 फरवरी 2025 को मामले की अगली सुनवाई होगी.

वहीं पहली याचिका हिंदू पक्ष की राखी सिंह की तरफ से दाखिल की गई है. राखी सिंह की याचिका में ज्ञानवापी परिसर के सील वजूखाने का भी परिसर के बाकी हिस्से की तरह ASI से सर्वेक्षण कराए जाने की मांग की गई है. हालांकि मुस्लिम पक्ष ने इस पर ऐतराज जताया है, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि वजूखाने के अंदर शिवलिंग है. जिसकी कार्बन डेटिंग के जरिए सर्वेक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है.

वजूखाने का सर्वेक्षण बेहद जरूरी- सौरभ तिवारी

राखी सिंह के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने अदालत में पक्ष रखा. उन्होंने दलील दी है कि विवादित परिसर का रिलिजियस कैरेक्टर निर्धारित करने के लिए वजूखाने का सर्वेक्षण बेहद जरूरी है. वाराणसी के जिला जज की कोर्ट ने वजू खाने के सर्वेक्षण की मांग खारिज कर दी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनवरी महीने में ही याचिका दाखिल कर जिला जज के फैसले को चुनौती दी गई है.

सिंगल बेंच में हुई मामले की सुनवाई

जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई हुई. वाराणसी की अदालत में श्रृंगार गौरी का केस दाखिल करने वाली राखी सिंह के अलावा बाकी चार महिलाओं ने वजूखाने के सर्वेक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की हुई है.

साभार : एबीपी न्यूज

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