बुधवार, नवंबर 06 2024 | 04:44:58 AM
Breaking News
Home / राज्य / पश्चिम बंगाल / टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रे ने अपनी ही सरकार के खिलाफ फिर खोला मोर्चा

टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रे ने अपनी ही सरकार के खिलाफ फिर खोला मोर्चा

Follow us on:

कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रे ने एक बार फिर से अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. हालांकि इस बार सुखेंदु शेखर रे ने अपनी गिरफ्तारी का डर बताते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. तृणमूल सांसद को कोलकाता पुलिस आयुक्त और पूर्व आरजी कर प्रिंसिपल संदीप घोष पर सोशल मीडिया पर हाल ही में की गई टिप्पणी के बाद अपनी गिरफ्तारी का डर था. उच्च न्यायालय ने इसका संज्ञान लेते  हुए मामला दर्ज करने की अनुमति दी है. इस मामले में कल यानी मंगलवार (20 अगस्त 2024) को सुनवाई होगी.

क्या कहा था सुखेंदु शेखर रे ने?

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रे ने रविवार को कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में सीबीआई से निष्पक्षता से मामले की जांच करने की मांग की थी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा था, “सीबीआई को निष्पक्षता से काम करना चाहिए. पूर्व प्रिंसिपल और पुलिस कमिश्नर को हिरासत में लेकर पूछताछ करनी चाहिए, ताकि पता चल सके कि आत्महत्या की कहानी किसने और क्यों फैलाई.”

सबूत जुटाने में देरी और दीवार गिराने को लेकर उठाए थे सवाल

सुखेंदु शेखर रे ने अपने पोस्ट में आगे लिखा था कि सीबीआई को यह भी जानना चाहिए कि हॉल की दीवार क्यों गिराई गई, रॉय को इतना शक्तिशाली बनाने के लिए किसने संरक्षण दिया, सबूत जुटाने के लिए घटना के तीन दिन बाद खोजी कुत्ते का इस्तेमाल क्यों किया गया… ऐसे सैकड़ों सवाल हैं जिनके जवाब बाकी हैं और सीबीआई को इनके जवाब निकलवाने चाहिए.

14 अगस्त को भी पार्टी के खिलाफ जाकर किया था प्रदर्शन

बता दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय डॉक्टर से रेप और हत्या के खिलाफ 14 अगस्त 2024 को आधी रात हुए विरोध प्रदर्शन में भी सुखेंदु शेखर रे शामिल हुए थे. उन्होंने इसका ऐलान पहले ही कर दिया था. तब उन्होंने एक्स पर लिखा था, “मैं प्रदर्शनकारियों में शामिल होने जा रहा हूं, खास तौर पर इसलिए क्योंकि लाखों बंगाली परिवारों की तरह मेरी भी एक बेटी और छोटी पोती है. हमें इस अवसर पर उठ खड़ा होना चाहिए. महिलाओं के खिलाफ क्रूरता बहुत हो गई है. आइए हम सब मिलकर इसका विरोध करें. चाहे कुछ भी हो जाए.”

साभार : एबीपी न्यूज़

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

अज्ञात लोगों ने पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा पंडाल में लगाई आग

कोलकाता. पश्चिम बंगाल में बीते रविवार को दुर्गा पूजा समारोह के दौरान हावड़ा जिले के …