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दिल्ली पुलिस ने स्वाति मालीवाल केस की जांच के लिए एसआईटी का किया गठन

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नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य और दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के साथ छेड़छाड व मारपीट के मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। इस एसआईटी का नेतृत्व उत्तरी दिल्ली की अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अंजिता चेप्याला कर रही हैं। एसआईटी में इंस्पेक्टर रैंक के तीन अधिकारी भी शामिल हैं, जिनमें सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन के अधिकारी भी शामिल हैं, जहां मामला दर्ज किया गया था। एसआईटी अपनी जांच करने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

पुलिस ने रीक्रिएट किया क्राइम सीन

स्वाति मालीवाल के साथ छेड़छाड व मारपीट के मामले में गिरफ्तार किए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक बिभव कुमार को सिविल लाइंस थाने में रखकर दिल्ली पुलिस के अधिकारी लगातार पूछताछ कर रहे हैं। पहले स्वाति मालीवाल को सीएम आवास लेजाकर पुलिस यह जानने की कोशिश की कि 13 मई की सुबह नौ बजे जब वह सीएम आवास में आई थी तब वह कहां-कहां गई थी। उन्हें किस जगह पर कौन-कौन मिला था। उनसे उनकी क्या बात हुई। ड्राईंग रूम में कितने देर बाद पहुंची, वहां उन्हें पहले कौन मिला। बिभव उनके पास कितने देर बाद आए। किस बात पर उनकी बहस हुई जो मारपीट में बदल हो गई। स्वाति मालीवाल से यह सब जानकारी प्राप्त करने के बाद पुलिस सोमवार को बिभव को लेकर क्रास चेक करने सीएम आवास आई।

डीसीपी रैंक के अधिकारी को सौंपी गई जांच की जिम्मेदारी

पुलिस क्राइम सीन रीक्रिएशन के लिए बिभव को वहां लेकर आई ताकि आरोपों के अनुसार सीसीटीवी फुटेज व सीएम आवास में घटना के दौरान मौजूद सुरक्षाकर्मियों के बयान से सब कुछ स्पष्ट हो सके। मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक मालीवाल प्रकरण में जांच की जिम्मेदारी मुख्यालय में तैनात डीसीपी रैंक के एक अधिकारी को सौंप दी गई है ताकि गोपनीय तरीके से इसकी जांच हो सके। क्योंकि पुलिस आयुक्त नहीं चाहते हैं कि हाई प्रोफाइल मामले में जांच संबंधी कोई भी जानकारी मीडिया के जरिये बाहर आए।

सिविल लाइंस थाने में किसी के प्रवेश पर पाबंदी

सबसे तेज तर्रार डीसीपी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसके बाद उन्होंने सभी आला अधिकारियों, संयुक्त आयुक्त परमादित्य, डीसीपी मनोज कुमार मीणा व थाने के इंस्पेक्टर को चेतावनी दी कि वे जांच संबंधी कोई भी जानकारी मीडिया से साझा न करें। सिविल लाइंस थाने में किसी के भी प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है।

पांच दिन की पुलिस रिमांड पर है बिभव

बिभव को शुक्रवार सुबह ही सीएम आवास से गिरफ्तार कर लिया गया था। उसी दिन देर रात में उन्हें तीस हजारी कोर्ट में पेश कर पांच दिन की पुलिस रिमांड पर ले लिया गया। पुलिस उनसे लगातार पूछताछ कर रही है। पूछताछ संबंधी हर जानकारी गृह मंत्रालय से साझा किया जा रहा है। मालीवाल ने 13 मई की सुबह घटना के बाद पीसीआर कॉल कर यह बात क्यों बताई थी कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कहने पर उनके निजी सहायक बिभव ने उनकी बेरहमी से पिटाई की।

बिभव पर जांच में सहयोग न करने का आरोप

पुलिस इसको लेकर स्वाति मालीवाल पर सच बोलने का दबाव बना रही है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि मालीवाल से भी लगातार पूछताछ कर रही है। बिभव व मालीवाल को आमने सामने बैठाकर भी पूछताछ की जाएगी। पुलिस ने फिर बिभव पर जांच में सहयोग न करने का आरोप लगाया है। मालीवाल प्रकरण में एफआइआर व उनकी मेडिकल रिपोर्ट कैसे लीक हो गई इसको लेकर पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि पुलिस ने बिभव व आम आदमी पार्टी को बदनाम करने के लिए जानबूझ कर तो लीक नहीं किया।

सुनंदा पुष्कर हत्याकांड में किया गया था ऐसा

मुख्यालय के जिस डीसीपी को मामले की जिम्मेदारी सौंपी गई है वह डीसीपी से सीधे हर जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। कोई बात लीक न हो इसके लिए रेंज के आला अधिकारियों को कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। उन्हें जांच से दूर कर दिया गया है। सुनंदा पुष्कर हत्याकांड में ऐसा ही किया गया था। दक्षिणी रेंज के तत्कालीन संयुक्त आयुक्त विवेक गोगिया ने तत्कालीन दक्षिण जिले के डीसीपी भोला शंकर जायसवाल को भी सुनंदा के कमरे में प्रवेश करने नहीं दिया था।

साभार : दैनिक जागरण

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