गुरुवार, दिसंबर 19 2024 | 10:31:28 PM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / चौहान रानी

चौहान रानी

Follow us on:

अनूपनगर साम्राज्य के राजा प्रताप चंडी सिंह और चौहान रानी की कोई संतान नहीं थी। अंग्रेजों के नए नियम के अनुसार जिन भारतीय शासकों के कोई संतान नहीं थी, उन्हें गुलामी स्वीकार करनी होती थी। जैसे ही राजा की मृत्यु हुई, चौहान रानी ने साम्राज्य की बागडोर अपने हाथों में ले ली। किन्तु अंग्रेजों ने इस राज्य को गुलाम बनाने का फरमान निकाल दिया था। अंग्रेजों को अनूपनगर का साम्राज्य तो मिल गया, लेकिन चौहान रानी नहीं मिलीं। वो तो अपने साम्राज्य को फिर से स्वतंत्र कराने का स्वप्न लिए निकल चुकी थीं। चौहान रानी अवसर की तलाश में थीं। उन्हें यह अवसर 1857 की क्रांति के समय मिला।

अंग्रेज कई मोर्चों पर एक साथ लड़ रहे थे। इस कारण उनके लिए एक जगह सारी शक्ति लगा पाना संभव नहीं था। इसका लाभ उठाकर चौहान रानी ने अपने विश्वासपात्र लोगों की सहायता से सेना का गठन किया और अनूपनगर को स्वतंत्र कराने के लिए धावा बोल दिया। अंग्रेज सेना के सभी सैनिकों को चौहान रानी ने मौत के घाट उतार दिया और अनूपनगर फिर स्वतंत्र हो गया। रानी का अनूपनगर के खजाने और वहां रखे अंग्रेजों से शस्त्रों पर भी अधिकार हो गया। जब तक अंग्रेजों को 1857 के स्वतंत्रता संघर्ष को दबाने में सफलता नहीं मिली, अनूपनगर स्वतंत्र साम्राज्य बना रहा। यह स्वतंत्रता लगभग 15 महीने तक रही। अंग्रेज धीरे-धीरे अपने खोये हुए साम्राज्य को वापस लेने में सफलता प्राप्त कर रहे थे और 1858 के अंत तक लगभग सभी जगह उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम को क्रूरतापूर्वक दबा दिया था। इसका असर अनूपनगर पर भी पड़ा। राज्य एक बार फिर अंग्रेजों के आधीन हो गया, लेकिन इस बार भी चौहान रानी को अंग्रेज पकड़ने में सफल नहीं हो सके। अंग्रेजों के बढ़ते प्रभाव के कारण चौहान रानी गुमनामी में चली गईं। कुछ स्थानों पर ऐसा उल्लेख मिलता है कि चौहान रानी को आजीवन स्वतंत्रता से प्रेम था, इसलिए वो जंगल में चली गईं और वहीं उन्होंने स्वयं को समाप्त कर लिया, जिससे अंग्रेजों को उनका शरीर भी न मिले।

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

एक देश एक चुनाव बिल पर जेपीसी में शामिल होंगे प्रियंका गांधी सहित कांग्रेस के 4 सांसद

नई दिल्ली. एक देश, एक चुनाव के लिए संसद में मंगलवार को पेश हुए 129वां …