वाराणसी. अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले मुख्य पुजारी आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का शनिवार सुबह 86 साल की आयु में निधन हो गया। परिवार के सदस्यों ने बताया कि दीक्षित पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। उनका अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा। बीती 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में भगवान की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में दीक्षित ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की थी। वाराणसी के विख्यात और प्रतिष्ठित विद्वानों में गिने जाने वाले दीक्षित मूल रूप से महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के थे। हालांकि उनका परिवार कई पीढ़ियों से वाराणसी में रहता है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीक्षित के निधन पर दुख व्यक्त किया है। ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आदित्यनाथ ने कहा, “काशी के प्रकांड विद्वान और श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुजारी आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित का जाना आध्यात्मिक और साहित्यिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।” आदित्यनाथ ने कहा, “संस्कृत भाषा और भारतीय संस्कृति के प्रति उनकी सेवा के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। मैं भगवान श्री राम से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके शिष्यों और अनुयायियों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।”
बता दें कि इसी साल 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति स्थापित होने के बाद उसकी प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। भव्य आयोजन में देश और विदेश की तमाम मशहूर हस्तियों ने शिरकत की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर में भगवान की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की थी।
साभार : नवभारत टाइम्स
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