नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश अमित शर्मा ने आज यानी 22 जुलाई को दिल्ली दंगों 2020 की कथित बड़ी साजिश से जुड़े यूएपीए मामले में उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. जस्टिस प्रतिभा एम सिंह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस के आदेश के अधीन मामले को दूसरी पीठ के सामने सौंपा गया है. इस मामले में 24 जुलाई को सुनवाई होगी.
उमर खालिद पर है ये इल्जाम
जेएनयू के पूर्व स्टूडेंट और दिल्ली दंगों 2020 की बड़ी साजिश के मुल्जिम उमर खालिद ने यूएपीए मामले में जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है. वह दिल्ली दंगों 2020 की बड़ी साजिश के आरोपियों में से एक है. उमर खालिद सितंबर 2020 से हिरासत में है. इसमें चार्जशीट और सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने के बाद भी जांच जारी है.
कोर्ट ने जमानत देने से किया था इनकार
निचली अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. अब वह हाईकोर्ट चले गए हैं. 28 मई को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद को नियमित जमानत देने से इनकार कर दिया था. जमानत याचिका खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया था, जिसमें कहा गया था कि आरोपी के खिलाफ आरोप शुरुआती जांच में सही हैं और वह जमानत का हकदार नहीं है.
जस्टिस समीर ने क्या कहा?
जस्टिस समीर बाजपेयी ने अपने आदेश में कहा था, “हाईकोर्ट ने आवेदक के खिलाफ मामले का विश्लेषण किया और अंत में निष्कर्ष निकाला कि आवेदक के खिलाफ आरोप शुरुआती जांच में सही हैं और यूएपीए की धारा 43डी(5) द्वारा लगाया गया प्रतिबंध आवेदक के खिलाफ पूरी तरह लागू होता है और आवेदक जमानत का हकदार नहीं है.”
साभार : जी न्यूज़
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