मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने बदलापुर की घटना को लेकर महाविकास आघाडी (एमवीए) की तरफ से बुलाए गए बंद पर रोक लगा दी है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि किसी भी राजनीतिक दल को बंद करने की इजाजत नहीं है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाए। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना यूबीटी चीफ उद्धव ठाकरे ने कहा था कि त्योहार को देखते हुए यह महाराष्ट्र बंद दोपहर तक रहेगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह फैसले को लागू करने की बात कही है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने क्या कहा?
बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को किसी भी राजनीतिक दल या व्यक्ति को महाराष्ट्र बंद का आह्वान करने से रोकने का आदेश जारी किया है। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि हम किसी भी राजनीतिक दल या व्यक्ति को बंद का आह्वान करने से रोक रहे हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार को सुरक्षा के सभी कदम उठाने के निर्देश भी दिए हैं। बता दें कि बदलापुर के स्कूल में दो बच्चियों से यौन शोषण के विरोध में विपक्षी महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) ने 24 अगस्त को राज्यव्यापी बंद का ऐलान किया था।
सरकार ले सकती है एक्शन
बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब राज्य सरकार बंद बुलाने पर महाविकास आघाडी के घटक दलों के खिलाफ एक्शन ले सकती है। बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब मुंबई पुलिस अलर्ट हो गई है। पुलिस की तरफ महाविकास अघाडी के पदाधिकारियों को नोटिस भेजे गए गए हैं कि वे कानून-व्यवस्था की कोई समस्या न होने दें। हाईकोर्ट के फैसले के बाद देखना दिलचस्प हो गया है कि एमवीए के नेता क्या फैसला लेंगे? सभी की नजर इस बात पर है कि उद्धव ठाकरे और शरद पवार इस पर क्या कहते हैं? बॉम्बे हाईकोर्ट ने एमवीए के महाराष्ट्र बंद को वकील गुणरत्न सदावर्ते ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
साभार : नवभारत टाइम्स
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