येरुशुलम. इजरायल डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने सोमवार को लेबनान में एक बार फिर बड़ा हवाई हमला किया है। आईडीएफ ने कहा है कि उसने दो बड़े हमलों के दौरान हिजबुल्लाह के 300 से ज्यादा ठिकानों को निशाना बनाया है। इजरायली स्ट्राइक के बाद लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि इन हमलों में 1o0 लोगों की जान गई है और 400 से ज्यादा घायल हैं। आईडीएफ के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा कि इजरायली सेना ने लेबनान में उन इमारतों के आसपास रहने वाले लोगों को घर खाली करने की चेतावनी के बाद ये हमले किए हैं, जिनमें हिजबुल्लाह ने हथियार और रॉकेट छिपा रखे थे।
इजरायल की ओर से लेबनान में बीते पांच दिनों से लगातार हवाई हमले हो रहे हैं। पिछले सप्ताह के गुरुवार से हिजबुल्लाह पर कार्रवाई बात कहते हुए इजरायल ने विशेष रूप से दक्षिणी लेबनान में हमले किए हैं। इनमें लेबनान की बेका घाटी में हिजबुल्लाह के खिलाफ किया गया बड़ा हमला भी शामिल है। सोमवार के हमले पर इजरायली सेना ने कहा कि वह दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह से संबंधित ठिकानों पर हमले कर रहे हैं और आगे भी ऐसे हमले किए जाएंगे।
लेबनान के पीएम ने की हमलों की निंदा
अल अरबिया की रिपोर्ट के अनुसार, लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने इजरायल के हमलों की निंदा की और उन्हें एक योजना का हिस्सा बताया है, जिसका उद्देश्य लेबनानी गांवों और कस्बों को नष्ट करना है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से इजरायल की आक्रामकता को रोकने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इजरायल के हमले बेगुनाहों को मार रहे हैं और ये एक अपराध है। इजरायली मीडिया ने बताया कि हमलों से पहले आईडीएफ ने दक्षिणी लेबनानी नागरिकों को हिजबुल्लाह के ठिकानों से दूर रहने के लिए कहा था। सोमवार को लेबनान की राजधानी बेरूत और देश के अन्य क्षेत्रों में नागरिकों को टेक्स्ट संदेश और रिकॉर्ड किए गए संदेश मिले, जिनमें उनसे तुरंत अपने आवास खाली करने के लिए कहा गया।
पेजर ब्लास्ट के बाद बढ़ी तनातनी
इजरायल और लेबनानी गुट हिजबुल्लाह के बीच बीते साल अक्टूबर के बाद से ही तनातनी है। इजरायली सेना के गाजा पर हमले के बाद से हिजबुल्लाह और इजरायल में भी बॉर्डर पर गोलीबारी होती रही है। ये तनाव बीते हफ्ते तब बढ़ा, जब लेबनान में हजारों पेजर्स और वॉकी-टॉकी में ब्लास्ट हुआ। इसके लिए हिजबुल्लाह ने इजरायल को जिम्मेदार ठहराया और जवाबी हमले के तौर पर रॉकेट दागे। इसके बाद इजरायल ने लेबनान में हवाई हमले किए हैं, जिनमें जानमाल का भारी नुकसान हुआ है।
साभार : नवभारत टाइम्स
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं