नई दिल्ली. कैबिनेट ने गुरुवार को तीन बड़े फैसले लिए। इसमें एक फैसला अंतरिक्ष के क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्टअप्स से जुड़ा है। वहीं दो फैसले रेलवे प्रोजेक्ट से जुड़े हैं। कैबिनेट में फैसला लिया गया कि IN-SPACe के तहत स्पेस सेक्टर के लिए 1000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड बनेगा। इस फंड से स्पेस सेक्टर में काम करने वाले स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जाएगा। इस फंड को 5 साल में खर्च किया जाएगा। इस फंड से हर साल 150 से 250 करोड़ का इस्तेमाल किया जाएगा। वित्त वर्ष 2025-26 में 150 करोड़ रुपये और इसके बाद 250-250 करोड़ इस फंड से इस्तेमाल किए जाएंगे। इस फंड से करीब 40 ऐसे स्टार्टअप्स की मदद की जाएगी जो स्पेस में काम करेंगे।
रेलवे के दो प्रोजेक्ट पर भी लगी मुहर
कैबिनेट में इसके अलावा और भी फैसले लिए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस मीटिंग में रेलवे के लिए दो प्रोजेक्ट पर भी मुहर लगी। इन प्रोजेक्ट की लागत करीब 6798 करोड़ रुपये है। इनमें पहला प्रोजेक्ट बिहार के नरकटियागंज और मुजफ्फरपुर के बीच की लाइन का है। 256 किमी लंबी इस लाइन को डबल किया जाएगा। इस सेक्शन को बढ़ाने से इसकी पहुंच नेपाल के बॉर्डर एरिया तक हो जाएगी। वहीं दूसरा प्रोजेक्ट नई रेलवे लाइन बिछाने का है। यह रेलवे लाइन तेलंगाना के येर्रुपलेम और आंध्र प्रदेश के नंबूर के बीच शुरू होगी। 57 किमी लंबी यह लाइन अमरावती से होकर गुजरेगी।
5 साल में पूरे होंगे प्रोजेक्ट
इन दोनों रेलवे प्रोजेक्ट को 5 साल में पूरा किया जाएगा। इनके पूरा होने से न केवल कनेक्टिविटी आसान होगी, बल्कि लॉजिस्टिक्स लागत कम होगी, तेल आयात कम होगा और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में भी कमी आएगी।
21 लाख लोगों को मिलेगा लाभ
रेलवे के ये दोनों प्रोजेक्ट तीन राज्यों के 8 जिलों से होकर गुजरेंगे। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार शामिल हैं। इन प्रोजेक्ट के पूरा होने से रेलवे का नेटवर्क करीब 313 किमी बढ़ जाएगा। इससे करीब 21 लाख लोगों को लाभ मिलेगा।
साभार : नवभारत टाइम्स
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