वाशिंगटन. एक कहावत है- पर उपदेश कुशल बहुतेरे। एक और भी है। सूप हंसे तो हंसे, चलनी भी हंसे जिसमें बहत्तर छेद। यही हाल है अमेरिका की। खुद आईना नहीं देखेंगे लेकिन दूसरों को उपदेश देंगे। दूसरों पर उंगली उठाएंगे।
अमेरिकी की आबादी भारत की आबादी के करीब 5वें हिस्से के ही बराबर है लेकिन वहां औसतन 98 सेकंड में कोई न कोई यौन हमले का शिकार हो जाता है। जहां हर तीन में से एक महिला अपने जीवनकाल में पार्टनर के हाथों रेप या शारीरिक हिंसा की शिकार होती हैं। यौन हमले से जुड़े 63 प्रतिशत केस तो पुलिस में रिपोर्ट ही नहीं होती। ये हम नहीं कह रहे बल्कि अमेरिका स्थित ‘नैशनल ऑर्गनाइजेश फॉर वूमन न्यू यॉर्क सिटी’ की वेबसाइट पर दर्ज है।
आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर हम अमेरिका में अपराध खासकर यौन अपराध का जिक्र क्यों कर रहे हैं। इसकी वजह ये है कि अमेरिका ने अपने नागरिकों को भारत की यात्रा को लेकर एडवाइजरी जारी की है और खास राज्यों और क्षेत्रों में जाने को लेकर आगाह किया है। इसके पीछे आतंकवाद, नक्सलवाद जैसी वजहों के साथ-साथ रेप के मामलों को भी बताया गया है।
अमेरिका ने भारत के लिए अपनी ट्रैवल एडवाइजरी को अपडेट किया है। उसने अपने नागरिकों से जम्मू-कश्मीर, भारत-पाकिस्तान सीमावर्ती क्षेत्र, मणिपुर और देश के मध्य और पूर्वी हिस्सों में नहीं जाने को कहा है। अपनी संशोधित ट्रैवल एडवाइजरी में अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि उसने पूर्वोत्तर राज्यों की जानकारी के साथ इसे अपडेट किया है।
साभार : नवभारत टाइम्स
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