शिमला. सुजानपुर से कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने अब सरकार में कोई भी पद लेने से इन्कार कर दिया है। भाजपा में शामिल होने की अटकलों के सवाल पर कहा कि फिलहाल वह भाजपा के संपर्क में नहीं हैं। विधानसभा में राज्यसभा सदस्य के लिए वोटिंग के सवाल पर बोले-अभी 27 तारीख दूर है। समय पर इस पर विचार किया जाएगा। पटलांदर में रविवार को ब्लाॅक कांग्रेस कमेटी की बैठक में पदाधिकारियों ने सुजानुपर की अनदेखी पर नाराजगी जताई। इस पर विधायक राणा ने बड़े निर्णय लेने के संकेत दिए हैं। राणा ने कहा कि अब फोन कर उन्हें मंत्री बनाने के ऑफर दिए जा रहे हैं। तीन दफा मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। क्या सुजानपुर की जनता बचा हुआ जूठा खाने के लिए है।
मंत्रिमंडल में शामिल होने का सवाल ही पैदा नहीं होता। सुजानपुर की जनता का मान-सम्मान है। इतना कहकर राणा ने बैठक में मौजूद लोगों से हाथ खड़े कर इस निर्णय पर राय भी मांगी। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को याद करते हुए कहा कि वह जो बोलते थे, पत्थर की लकीर होता था। वर्तमान सरकार में बंद कमरे में कई दफा आश्वासन दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि उनका मकसद मंत्री बनना नहीं है, बल्कि लोगों के काम करवाना है। उन्होंने कहा कि उन्हें बड़ी गाड़ी और बड़े बंगले की जरूरत नहीं है। वर्ष 2011 से वह बड़ी गाड़ी में घूमते आ रहे हैं। सुजानपुर के लिए जो अच्छा होगा, वह किया जाएगा। बड़ा फैसला लेना पड़ेगा तो लोगों की सहमति से बड़ा फैसला भी लिया जाएगा।
बंद कमरे में हुए बड़े वादों का हूं गवाह : अभिषेक
कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले विधायक राणा के बेटे अभिषेक राणा ने कहा कि बंद कमरे में हुई बैठकों के वादों के वह गवाह हैं। वादे पूरे न हो तो निराशा होती है। अब हाईकमान की तरफ से लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे में उन्हें और उनके पिता को पूछा गया है। कुछ लोग टिकट का लालच दे रहे हैं, टिकट उनके लिए बड़ा नहीं है। मंत्री बनने का लालच नहीं है, यह सुजानपुर के मान-सम्मान की बात है।
साभार : अमर उजाला
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