चंडीगढ़. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस को एक बड़ा झटका लग गया है। लुधियाना से कांग्रेस के सीटिंग सांसद रवनीत सिंह बिट्टू बीजेपी में शामिल हो गए हैं। दिल्ली में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ले ली है। वहीं, रवनीत सिंह बिट्टू, राहुल गांधी के काफी करीबी माने जाते हैं और पंजाब की राजनीति में एक बड़ा नाम हैं।
कांग्रेस के लुधियाना से मौजूदा सांसद रवनीत सिंह बिट्टू भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में पार्टी के महासचिव विनोद तावड़े ने उन्हें पार्टी में शामिल करवाया है। भाजपा इसे अपनी बड़ी उपलब्धि बता रही है और उनके नेताओं का मानना है कि शिरोमणि अकाली दल से अलग होने के बाद जिन सीटों पर पार्टी की पैठ नहीं थी, अब उन सीटों पर भी पार्टी जोरदार लड़ाई देगी।
इससे पहले कांग्रेस की ही मौजूदा सांसद परनीत कौर भाजपा में शामिल हुई थीं जिनको पटियाला से उतारने की पार्टी पूरी तैयारी कर रही है। इसी तरह होशियारपुर जिले की चब्बेवाल सीट से पार्टी के विधायक डॉ राजकुमार चब्बेवाल आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए और वह इस समय होशियारपुर सीट से प्रबल दावेदार हैं।
तीन बार रहे चुके सांसद रवनीत सिंह बिट्टू
रवनीत बिट्टू कांग्रेस का पंजाब में बड़ा चेहरा थे। वह तीन बार सांसद रह चुके हैं और 2024 में अगर उन्हें भाजपा की ओर से टिकट मिलती है तो वह चौथी बार हाथ आजमाएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह जिनकी आतंकवाद को खत्म की लड़ाई में जान गई, रवनीत बिट्टू उनके पोते हैं। बिट्टू इस समय लोकसभा में पार्टी के उपनेता भी रहे हैं। तीन खेती कानूनों को लेकर जो आंदोलन चला, वह उसको लेकर लोकसभा में काफी विरोध करते रहे हैं और उस पर हुई बहस में हिस्सा भी लेते रहे हैं लेकिन आंदोलन के दौरान ही जब गर्मदलीय लोग आंदोलन पर भारी पड़ते नजर आए तो उन्होंने उनके खिलाफ भी बयान दागे।
साल 2009 में श्री आनंदपुर साहिब और 2014, 2019 में लुधियाना से लड़ा चुनाव
रवनीत बिट्टू 2009 में राहुल गांधी की उस युवा ब्रिगेड में शामिल थे जिन्हें उन्होंने टिकट दिलाई थी। बिट्टू के अलावा विजय इंद्र सिंगला को संगरूर से, सुखविंदर सिंह डैनी को फरीदकोट से राहुल गांधी के कोटे से टिकटें दी गई थीं। 2009 में श्री आनंदपुर साहिब और फिर 2014 और 2019 में वह लुधियाना से चुनाव लड़े और जीते। लेकिन पिछले लंबे समय से उनकी लुधियाना के स्थानीय विधायकों खासतौर पर अपने सबसे खास रहे भारत भूषण आशू से पटरी नहीं बैठ पा रही थी। उनको लुधियाना से बदलकर श्री आनंदपुर साहिब से उतारने के बारे में विचार किया जा रहा था।
बिट्टू की मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ भी काफी बनती थी और माना जा रहा है कि वह आम आदमी पार्टी में शामिल होकर संगरूर लोकसभा हलके से उतर सकते हैं। लेकिन जब आम आदमी पार्टी ने अपने कैबिनेट मंत्री गुरमीत मीत हेयर को वहां से उतार दिया तो उनकी आप में शामिल होने की संभावनाएं खत्म हो गईं।
कांग्रेस में जीत को लेकर पक्का नहीं थे रवनीत बिट्टू
कांग्रेस में रहकर लड़ने पर रवनीत बिट्टू को अपनी जीत साफ दिखाई नहीं दे रही थी, इसलिए वह नई संभावनाएं तलाशने में जुट गए। इसी के चलते उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की तैयारी कर ली। उनकी बात काफी पहले ही हो चुकी थी। भाजपा के एक सीनियर पदाधिकारी ने कहा कि उन्हें लुधियाना से टिकट दिया जा सकता है।
बन रहे पंजाब राजनीति में नए समीकरण
दरअसल शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के बीच आज गठबंधन की संभावनाएं पूरी तरह खत्म होने नए समीकरण बन रहे हैं। भाजपा अभी तक पंजाब की 13 में से केवल तीन सीटों पर ही चुनाव लड़ती रही है। ऐसे में पार्टी को अब शेष सीटों के लिए बड़े चेहरों की तलाश है। रवनीत बिट्टू, परनीत कौर के रूप् में उन्हें दो चेहरे तो मिल गए। सूत्रों से पता चला है कि कल आम आदमी पार्टी का भी एक बड़ा चेहरा भाजपा में शामिल हो सकता है। इसके अलावा ग्रामीण सीटों पर जहां भाजपा का आधार नहीं है वहां कांग्रेस के कुछ और बड़े चेहरों को भी टिकट देकर उतारा जा सकता है।
साभार : दैनिक जागरण
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