सोमवार, नवंबर 18 2024 | 03:26:18 AM
Breaking News
Home / राज्य / दिल्ली / रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा का विरोध करने पर मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में मांगी माफी

रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा का विरोध करने पर मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में मांगी माफी

Follow us on:

नई दिल्ली. दिल्ली के सदर बाजार में शाही ईदगाह के सामने महारानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा लगाने के मामले में शुक्रवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौारन मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि हमने कल माफीनामा रजिस्ट्री में जमा करा दिया गया है। दरअसल, 25 अगस्त को मामले पर सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की तरफ से कहा गया कि वो याचिका दाखिल करने के लिए बिना शर्त माफी मांगते है। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें अपना माफीनामा दाखिल करने को कहा था। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि मामले पर अगली सुनवाई एक अक्टूबर को करेंगे।

कई सुरक्षा के बीच शुरू हुआ काम, स्थानीय लोग कर रहे हैं विरोध

ईदगाह पार्क में महारानी लक्ष्मी बाई की मूर्ति लगाने के लिए बुधवार को ईदगाह पार्क में काम शुरू हो गया है। यहां पर रानी झांसी गोल चक्कर से मूर्ति हटाकर इसी पार्क में स्थापित की जाएगी। ईदगाह पार्क में स्थानीय मुस्लिम समुदाय के रानी झांसी की प्रतिमा लगाने का विरोध कर रहे थे। इसको देखते हुए यहां पर कड़ी सुरक्षा के बीच काम शुरू हुआ।

मौके पर पुलिस फोर्स तैनात किया गया

वहीं, पुलिस और अर्दसैनिक बलों की सुरक्षा टुकडियों के बीच यह कार्य शुरू हुआ। हालांकि, इस दौरान कुछ लोगों ने भी इसका विरोध किया लेकिन पुलिस ने कार्य प्रभावित नहीं होने दिया। निगम के अधिकारी लगातार इस कार्य की निगरानी कर रहे थे। विरोध करने वाले लोगों को हाईकोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली है। उल्लेखनीय तीस हजारी कोर्ट से पंचकुंइया मार्ग तक सिग्नल फ्री होना है। डेढ़ किलोमीटर इस मार्ग पर निगम ने एक फ्लाइओवर 2018 में शुरू किया था। जो कि तीजहजारी से लेकर फ्लिमीस्तान तक हैं। इसके बाद ईदगाह और फिर रानी झांसी गोल चक्कर पर दो बड़ी लाल बत्ती है। योजना है कि इन लाल बत्तियों को खत्म कर तीज हजारी से लेकर पंचकुइंया रोड तक सिग्नल फ्री किया जा सके।

यूटीपेक 2019 में दे चुका मंजूरी

इसके लिए यूटीपेक भी अपनी 2019 में मंजूरी दे चुका है। निगम ने भी इसे वर्ष 2020 में इस प्रस्ताव को पास कर दिया था। इसी के तहत यह कार्य किया जा रहा है। रानी झांसी गोल चक्कर पर स्थापित मूर्ति को ईदगाह के पार्क में स्थानांतरित किया जाएगा। वहीं, निगम के एक अधिकारी ने बताया कि काम शुरू है। डीडीए के पार्क में एक बाउंड्री वाल का निर्माण होगा। इसमें एक त्रिकोणीय हिस्से में मंच भी निर्माण किया जाएगा। वहीं, पर यह मूर्ति स्थापित होगी।

साभार : दैनिक जागरण

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

दिल्ली के सराय काले खां चौक का बदलकर बिरसा मुंडा चौक हुआ

नई दिल्ली. दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम बदलकर बिरसा मुंडा चौक किया …