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भाजपा ने दिल्ली एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी मेंबर का चुनाव जीता

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नई दिल्ली. दिल्ली में एमसीडी सदन में एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी चुनाव में परिणाम सामने आ चुका है। एक रिक्त पद पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। एमसीडी के सदन में स्थाई समिति के एक सदस्य के रिक्त पद पर भाजपा पार्षद सुंदर सिंह तंवर जीते हैं। उन्हें 115 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार को एक भी वोट नहीं मिला। चुनाव में 115 पार्षदों ने ही हिस्सा लिया, जबकि सदन में 249 पार्षद हैं। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों में चुनाव में हिस्सा नहीं लिया। अब स्थाई समिति में भाजपा को बहुमत प्राप्त हो गया है। समिति के 18 सदस्यों में भाजपा के 10 और आम आदमी पार्टी के 8 सदस्य हैं। समिति के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित दिख रही है। समिति के इन दोनों पदों का चुनाव अगले महीने होने की संभावना है।

जानकारी के लिए बता दें कि एमसीडी में स्टैंडिंग कमेटी के 18वें सदस्य के चुनाव के लिए कुल 2.5 घंटे का समय किया गया था। लेकिन चुनाव मात्र एक घंटे में ख़त्म हो गया। क्योंकि केवल भाजपा के पार्षद ही वोटिंग में हिस्सा ले रहे थे। जबकि आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने इस चुनाव का बहिष्कार किया था। कांग्रेस ने कल ही चुनाव से दूर रहने की घोषणा कर दी थी। इससे पहले दिल्ली की मेयर शेली ओबेरॉय ने एमसीडी कमिश्नर को 5 अक्तूबर को स्थायी समिति के सदस्य के लिए चुनाव कराने का निर्देश दिया था। मेयर ने एमसीडी कमिश्नर को पत्र लिखा। उन्होंने कमिश्नर द्वारा घोषित स्टैंडिंग कमेटी सदस्य के चुनाव को अवैध घोषित किया। उधर, आम आदमी पार्टी के विधायक दिल्ली विधानसभा के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया।

बता दें कि गुरुवार को दिल्ली नगर निगम आयुक्त अश्विनी कुमार ने 27 सितंबर को दोपहर 1 बजे स्थायी समिति सदस्य चुनाव कराने का आदेश जारी किया। चुनाव को लेकर दिल्ली सरकार, मेयर और राजनिवास के बीच चले टकराव के बाद एलजी के आदेश पर आयुक्त ने रात को यह निर्देश जारी किया।

भाजपा की नीयत में खोट: केजरीवाल

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘भाजपा की नीयत में खोट नजर आ रहा है। एमसीडी की बैठक बुलाने का अधिकार केवल और केवल मेयर को है। एलजी साहब और कमिश्नर भी बैठक नहीं बुला सकते हैं। बैठक की अध्यक्षता भी मेयर कर सकते हैं। कल को लोकसभा की अध्यक्षता भी ये लोग गृह सचिव से करवा देंगे। इसके साथ ही, सदन की बैठक बुलाने के दौरान 72 घंटे का समय देना होता है, लेकिन इन्होंने नहीं दिया। इनकी नीयत में खोट नजर आ रहा है। ये कुछ ना कुछ गड़बड़ करने की साजिश रच रहे हैं।

आज जो बैठक बुलाई गई, वह पूरी तरह से गैरकानूनी: सिसोदिया

उधर, आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि एमसीडी की बैठक बुलाने का अधिकार उपराज्यपाल और कमिश्नर को नहीं है। यह बैठक केवल और केवल मेयर ही बुला सकती हैं। आज जो 1 बजे बैठक बुलाई गई है, वह पूरी तरह से गैरकानूनी है। मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘भाजपा के एलजी के कहने पर एमसीडी कमिश्नर कुछ भी लिखकर पत्र जारी कर देते हैं, फिर चाहे वह गैरकानूनी ही क्यों ना हो। एमसीडी कानून में साफ लिखा गया है कि काउंसिल की मीटिंग मेयर, डिप्टी मेयर या किसी सीनियर सदस्य की अध्यक्षता में ही हो सकती है। कल को अगर नरेंद्र मोदी जी मौजूद नहीं होंगे तो क्या कोई आईएएस अधिकारी बैठकों की अध्यक्षता कर सकता है? अगर नहीं तो एमसीडी बैठक की अध्यक्षता कोई अधिकारी कैसे कर सकता है?’

‘भाजपा के कहने पर अब अधिकारी निगम की बैठक बुला रहे’

मनीष सिसोदिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘आज भाजपा दिल्ली नगर निगम में जो करने जा रही है अगर वह हो गया तो पूरे देश में विधानसभा अध्यक्षों और लोकसभा अध्यक्ष की जगह अधिकारी ही विधानसभा और संसद की बैठकों की अध्यक्षता करने लग जाएंगे। दिल्ली नगर निगम कानून के सेक्शन 74 में साफ लिखा है कि सदन की बैठक बुलाने का अधिकार केवल मेयर को है। सेक्शन 76 में साफ-साफ लिखा है कि सदन की बैठक की अध्यक्षता केवल मेयर, डिप्टी मेयर या इनकी अनुपलब्धता में कोई चुना हुआ पार्षद ही कर सकता है। भाजपा के कहने पर अब अधिकारी निगम की बैठक भी बुला रहे है और सदन की अध्यक्षता भी करने जा रहे हैं। यह सरासर असंवैधानिक और गैरकानूनी है।’

नगर निगम में इस तरह की तानाशाही नहीं चलेगी: मेयर

दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा, ‘कल रात को उपराज्यपाल के निर्देश पर कमिश्नर द्वारा एक आदेश जारी किया गया कि ‘आज 1 बजे स्थायी समिति के 6वें सदस्य का चुनाव होगा’। वह आदेश पूरी तरह से अवैध है। डीएमसी एक्ट की धज्जियां उड़ाई गई हैं। उपराज्यपाल के पास किसी भी प्रकार की शक्ति नहीं है कि वे हाउस की मीटिंग में हस्तक्षेप कर पाएं। कल भी भाजपा ने चुनाव प्रक्रिया में खलल डाली। कल मजबूरन मुझे सदन 5 तारीख तक स्थगित करना पड़ा। अगर हम कानून की बात करें तो वैध चुनाव 5 अक्टूबर को ही होंगे। मेयर होने के नाते मेरी जिम्मेदारी बनती है कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से हों। भाजपा को समझना होगा कि नगर निगम में इस तरह की तानाशाही नहीं चलेगी। भाजपा की क्या मंशा है कि कल रातों-रात चुनाव करवाने की कोशिश की गई?’

चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे आप पार्षद

उधर, स्थाई समिति के एक सदस्य के रिक्त पद पर चुनाव में आम आदमी पार्टी शिरकत नहीं करेगी। आम आदमी पार्टी आप कार्यालय में मौजूद आप से जुड़े लोगों ने बताया कि उनकी पार्टी के पार्षद सदन में नहीं आएंगे। उपराज्यपाल के निर्देश पर सदन की बैठक हो रही। मेयर, डिप्टी मेयर और सीनियर पार्षद मुकेश गोयल ने बैठक की अध्यक्षता करने से मना किया। इस कारण आयुक्त ने अतिरिक्त आयुक्त जितेंद्र यादव को पीठासीन अधिकारी बनाया।

साभार : अमर उजाला

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