नई दिल्ली. दिल्ली में आज पहले ही दिन मानसून इतना बरस गया कि राजधानी डूब गई। सब कुछ पानी-पानी हो गया। अंडरपास, सड़कें, मेट्रो स्टेशन, एयरपोर्ट, पार्क, लोगों के घर पानी से भर गए। यहां तक की दिल्ली की जल मंत्री आतिशी के घर में भी जलभराव नजर आया। वहीं दूसरी ओर, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव का बंगला भी डूब गया।
राम गोपाल यादव के सरकारी बंगले में 2 से 3 फीट पानी भरा है। अब सांसद महोदय को कहीं जाना था, लेकिन समस्या यह थी कि वे पानी से निकलकर गाड़ी से कैसे जाएं? इसके लिए उन्होंने अपने लोगों को बुलाया और उन्होंने सांसद को गोद में उठाकर गाड़ी तक पहुंचाया। इस मौके का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसे देखकर एक बार तो आप भी अपनी हंसी नहीं रोक पाएंगे।
मंत्री आतिशी के सरकारी आवास में जलभराव
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख सकते हैं कि कैसे जलमंत्री आतिशी के सरकारी आवास में बारिश का पानी भरा है? करीब 2 से 3 फीट पानी खड़ा है। उस पानी में मंत्री आतिशी की सरकारी गाड़ी डूबी है, जबकि 2 दिन पहले दिल्ली में पानी का संकट इतना गहरा गया था कि जल मंत्री आतिशी को अनशन पर बैठना पड़ा। हालांकि तबियत बिगड़ने के कारण उन्हें अनशन तोड़ना पड़ा, लेकिन पानी का संकट इतना गहराया कि कोर्ट तक मामला पहुंच गया था।
सांसद को पानी से निकलने को लेना पड़ा सहारा
दूसरे वीडियो में देख सकते हैं कि सांसद राम गोपाल यादव को 2 लोग गोद में उठाकर लाते हैं। उन्हें गाड़ी में बैठाते हैं। इससे पहले उन्हें कमरे से सरकारी आवास के गेट तक भी पानी से बचाते हुए लाया जाता है, लेकिन गेट के पास ज्यादा पानी देखकर उन्हें गोद में उठाना पड़ता है। जब लोगों ने उन्हें गोद में उठाकर गाड़ी में बैठाया, जब वे अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए।
दिल्ली में पहले दिन 150MM बरसे बादल
बता दें कि दिल्ली और उससे सटे शहरों में आज सुबह करीब 5 बजे मानसून की पहली बारिश हुई। तेज हवाओं और गरज चमक के साथ बादल झमाझम बरसे। करीब एक घंटा बारिश हुई, जिसने पूरी राजधानी को डुबो दिया। वैसे बारिश करीब ढाई बजे से रुक-रुक कर हो रही थी। वहीं साढ़े 5 बजे तक 3 घंटे में करीब 150 मिलीमीटर पानी बरसा। वहीं सफदरजंग में पिछले 24 घंटे में 228 मिलीमीटर बारिश हुई, लेकिन आज हुई बारिश से दिल्ली एयरपोर्ट पर हादसा हो गया। टर्मिनल-1 की छत ढहने से मलबे के नीचे कार दब गई। हादसे में कार में सवार 4 लोग घायल हुए, जिनमें से एक ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
साभार : न्यूज24
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं