मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बयानबाजी वैसे ही चरम पर थी. अब छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति टूटने से नया बखेड़ा खड़ा हो गया है. विपक्ष इस बात को लेकर सरकार पर निशाना साध रहा है कि राजकोट जिले में लगी प्रतिमा में घटिया सामग्री लगाई गई थी, इसलिए वो 8 महीने भी खड़ी नहीं रह सकी. महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने राजकोट किले तक विरोध प्रदर्शन किया. अब एनसीपी नेता अजित पवार का भी इस पर बयान आया है. उन्होंने भरी सभा में पब्लिक से माफी मांगी है.
अजित पवार ने कहा, शिवाजी महाराज हमारे देवता हैं, मैं उनकी मूर्ति गिरने के लिए महाराष्ट्र के 13 करोड़ लोगों से माफी मांगता हूं. चाहे अधिकारी हों या ठेकेदार, मूर्ति ढहने के लिए जो भी जिम्मेदार है, उसके खिलाफ जांच की जाएगी और सजा दी जाएगी. लगने के एक साल के भीतर मूर्ति का गिरना चौंकाने वाला है. जो हुआ वो ठीक नहीं. अजित पवार लातूर जिले के अहमदपुर में आयोजित लड़की बहिन संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे. अजित पवार ने कहा, शिवाजी महाराज की प्रतिमा लगाते समय क्या भौगोलिक परिस्थितियों और जलवायु जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर साइंटिफिकट रिसर्च की गई? राज्य सरकार ने मूर्ति बनाने में इस्तेमाल की गई सामग्री की क्वालिटी की जांच की. जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज किया गया है.
दो पर एफआईआर, दोनों फरार
अजीत पवार ने कहा कि राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की नई प्रतिमा जल्द लगाई जाएगी. लेकिन ऐसी गलती करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने प्रतिमा गिरने के मामले में मूर्तिकार जयदीप आप्टे और डिजाइन एडवाइजर चेतन पाटिल के खिलाफ मामला दर्ज किया है. मामला दर्ज होने के बाद से जयदीप आप्टे और चेतन पाटिल फरार हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि यह प्रतिमा नौसेना ने बनवाई. इसका डिजाइन भी नेवी ने तैयार किया था. ’45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली, जिसके कारण प्रतिमा क्षतिग्रस्त हो गई. हम इसकी जांच कराएंगे और सख्त कार्रवाई करेंगे. छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे आराध्य देव हैं. हम इस प्रतिमा को फिर से जोश और ताकत के साथ खड़ा करेंगे.
देवेंद्र फडणवीस ने पवार
शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने पर शरद पवार ने भी सरकार को घेरा. जवाब उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिया. कहा-करप्शन कहीं नहीं होना चाहिए. चाहें शरद पवार हों, या कोई और, सभी को इसका विरोध करना चाहिए. चुनाव को ध्यान में रखकर राजनीतिक बयान दिए जा रहे हैं. चुनाव देखकर पवार जैसे नेता का इस तरह का बयान देना उचित नहीं है. शरद पवार वरिष्ठ नेता हैं. वे जानते हैं कि यह प्रतिमा राज्य सरकार ने नहीं बल्कि नौसेना ने बनवाई थी. यह निश्चित रूप से एक दुखद घटना है. जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. भव्य प्रतिमा फिर लगाई जाएगी. नेवी ने इसे गंभीरता से लिया है. एक जांच टीम गठित की गई है. उसके बाद पुलिस भी कार्रवाई करेगी.
साभार : न्यूज़18
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