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राजस्थान पेपर लीक की आरोपी किरण जाट गिरफ्तार

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जोधपुर. फर्जी तरीके से नौकरी हासिल करने के प्रयास करने वालों के खिलाफ पुलिस लगातार एक्शन ले रही है। आपको याद होगा तीन साल पहले सितंबर 2021 में रीट परीक्षा का आयोजन हुआ था। रीट परीक्षा में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ। पेपर लीक और डमी अभ्यर्थियों की गैंग ने जमकर धांधली की। रीट फर्जीवाड़े को लेकर अलग अलग जिलों में कई मुकदमे दर्ज हुए। बालोतरा जिले के बालोतरा थाने में भी प्रकरण दर्ज हुए जिनमें कई महिला अभ्यर्थियों ने फर्जी तरीके से नौकरी हासिल करने के प्रयास किए थे। फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर कई आरोपी अभ्यर्थी फरार हुए। वांछित आरोपियों की धरपकड़ के लिए जोधपुर आईजी विकास कुमार (आईपीएस) की स्पेशल टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। पिछले दिनों रू.25-25 हजार रुपए की दो इनामी युवतियों भंवरी और संगीता को गिरफ्तार किया था। अब एक और आरोपी अभ्यर्थी किरण को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली है।

तीन साल से फरार 25 हजार की इनामी किरण गिरफ्तार

आईजी की स्पेशल टीम ने 25 हजार रुपए की इनामी लड़की किरण को गिरफ्तार किया है। किरण पिछले तीन साल से फरार थी। आईजी विकास कुमार ने बताया कि किरण डमी अभ्यर्थी गैंग में शामिल थी। जिस तरह से छम्मी बिश्नोई, संगीता और भंवरी सहित कई युवतियां इस गैंग की सदस्य थी। उसी तरह किरण भी डमी अभ्यर्थी के जरिए नौकरी हासिल करने वाली थी लेकिन उसके मंसूबे कामयाब नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि और भी कुछ वांछित आरोपी है जिन्हें अपने आप को सरेंडर कर देना चाहिए, वरना पुलिस उन्हें छोड़ेगी नहीं।

माया मिली ना राम, हो गए बदनाम

राजस्थान में एक कहावत है कि ‘माया मिली ना राम, हो गए बदनाम’। यही कहावत इन दिनों पेपर लीक और डमी अभ्यर्थी गिरोह के सदस्यों के साथ चरितार्थ हो रही है। आईपीएस विकास कुमार ने एक वीडियो जारी करके कहा है कि फर्जीवाड़ा करके नौकरी हासिल करने वाले प्रयास करने वाले वांछित आरोपी चेन की नींद नहीं सो पाएंगे। वे हर दिन कच्ची नींद से जागना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि चाहे कितना ही छिपने की कोशिश करें लेकिन आना तो पड़ेगा ही, बेहतर यही है कि अपराध का रास्ता छोड़ें और अपराध से तौबा करें। समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का प्रयास करें, अपने किए पर पछतावा करें और किए की सजा भुगतें।

ना नौकरी मिली, पति के बाद प्रेमी ने भी छोड़ा

आईपीएस विकास कुमार ने बताया कि डमी अभ्यर्थी गिरोह में शामिल होने की जानकारी मिलने के बाद किरण को फरार होना पड़ा। उसके ससुर ने उसे घर से निकाल दिया। पति ने भी तलाक की फाइल कोर्ट में लगा दी। ससुराल का साथ छुटने के बाद किरण ने एक पुरुष मित्र का साथ लिया लेकिन कुछ समय बाद पुरुष मित्र ने भी साथ छोड़ दिया। किरण इधर उधर घूम कर फरारी काटती रही। उसका मोबाइल भी छूट गया और घर भी छोड़ना पड़ा। इन दिनों वह फरारी का नया ठिकाना तलाश रही थी लेकिन स्पेशल टीम ने खेड़ापा के पास किरण को दबोच लिया। वह दिल्ली नंबर की फर्जी नंबर प्लेट लगी कार में घूम रही थी। ऐसे में उसके खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। अब उसका नया ठिकाना जेल हो गया है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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