बुधवार, अक्तूबर 16 2024 | 10:23:47 AM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / सबूतों के अभाव में बरी हुआ आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा

सबूतों के अभाव में बरी हुआ आतंकवादी अब्दुल करीम टुंडा

Follow us on:

नई दिल्ली. 1993 सीरियल ब्लास्ट (1993 Serial Bomb Blast) के आरोपी अब्दुल करीम टुंडा (Abdul Karim Tunda ) को अजमेर की टाडा कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के करीबी माने जाने वाले टुंडा को बम बनाने के कौशल के लिए “डॉ बम” के रूप में जाना जाता है. कोर्ट ने दो अन्य आरोपियों इरफान और हमीदुद्दीन को इस मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है. याचिकाकर्ता के वकील शफकत सुल्तानी ने अजमेर में बताया कि अब्दुल करीम टुंडा को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है. अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर सका.

सीबीआई ने कहा-आगे अपील करेंगे

बता दें कि टुंडा पर छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस की पहली बरसी पर कई ट्रेन में बम विस्फोट करने का आरोप है. ये धमाके कोटा, कानपुर, सिकंदराबाद और सूरत से गुजरने वाली ट्रेनों में हुए थे. मुंबई बम धमाकों के कुछ ही महीनों बाद हुए इन ट्रेन बम धमाकों ने देश को झकझोर कर रख दिया था. टाडा कोर्ट ने 30 सितंबर 2021 को मामले के मुख्य आरोपी और दाऊद इब्राहिम के करीबी 81 वर्षीय अब्दुल करीम टुंडा तथा दो अन्य – इरफान उर्फ पप्पू व हमीदुद्दीन – के खिलाफ पांच-छह दिसंबर 1993 की मध्यरात्रि को हैदराबाद, सूरत और मुंबई लखनऊ, कानपुर में विस्फोटों की साजिश रचने के आरोप तय किए थे.  याचिकाकर्ताओं के वकील अब्दुल रशीद ने संवाददाताओं को बताया कि इरफान और हमीदुद्दीन को बम रखने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के वकील ने कहा कि मामले में आगे अपील की जाएगी

पहले बढ़ई का काम करता था टुंडा, बम बनाते समय खोया बायां हाथ

टुंडा 40 साल की उम्र में आतंकवादी संगठनों से जुड़ा. इससे  पहले वह बढ़ई का काम करता था.1993 में मुंबई में हुए धमाकों के बाद वह पहली बार जांच के घेरे में आया. बम बनाते समय हुए विस्फोट में उसने अपना बायां हाथ खो दिया था. टुंडा पर आरोप है कि उसने लश्कर-ए-तैयबा, इंडियन मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद और बब्बर खालसा सहित कई आतंकवादी संगठनों के साथ काम किया था. अब्दुल करीम टुंडा कई अन्य बम धमाकों में भी शामिल रहा है.

1997 बम धमाके में पकड़े गए युवक ने लिया था टुंडा का नाम

दिल्ली में 1997 में बम धमाके की घटना में दिल्ली पुलिस की ओर से पकड़े गए एक युवक ने पूछताछ में खुलासा किया था कि धमाकों के पीछे यूपी के आजमगढ़ निवासी अब्दुल करीम टुंडा है, जो अब पाकिस्तान के कराची शहर में रह रहा है. . 2013 में उसे भारत-नेपाल सीमा के करीब स्थित उत्तराखंड के बनबसा में गिरफ्तार किया गया था. चार साल बाद, हरियाणा की एक अदालत ने उसे 1996 विस्फोट मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. तब से अब्दुल करीम टुंडा अजमेर सेंट्रल जेल में बंद रहा.

साभार : एनडीटीवी

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www।amazon.in/dp/9392581181/

https://www।flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

जम्मू व कश्मीर तथा असम में महसूस किये गए भूकंप के हल्के झटके

नई दिल्ली. भूपंक के झटकों से एक बार फिर देश की धरती हिली है। जम्मू-कश्मीर के …