लखनऊ. दीवाली से ठीक पहले उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग में काम करने वाले कर्मियों के लिए बुरी खबर सामने आई है. बिजली विभाग ने 7 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की सैलरी रोक दी है. विभाग ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि कर्मचारियों को चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देने को कहा गया था. सरकार की तरफ से इसकी डेडलाइन भी रखी गई थी लेकिन डेडलाइन खत्म होने के बाद भी कई कर्मचारियों ने ब्यौरा नहीं दिया.
पावर कॉर्पोरेशन और विद्युत वितरण निगमों में जिन कर्मियों की सैलरी रोकी गई है उन्हें 15 अगस्त तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा ऑनलाइन पोर्टल पर दिखाना था. सरकार ने इसके लिए मियाद भी बढ़ा दी थी. इसके बावजूद कई कर्मचारियों ने ऐसा नहीं किया. इसी वजह से प्रबंधन ने ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं. इससे कई कर्मचारियों को त्योहारी सीजन में तनख्वाह का न आना सिरदर्दी बन सकता है.
जनवरी में ही हुए थे निर्देश जारी
बता दें कि सरकार की ओर से जनवरी में ही सभी कर्मचारियों को इस विषय में नोटिफिकेशन जारी किया गया था. कॉर्पोरेशन प्रबंधन ने 19 जनवरी को कर्मचारियों को निर्देशित किया था सभी कार्यरत अभियंताओं को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देना है. इसके बाद कर्मचारियों को रिमाइंडर भी दिया गया. लेकिन, कर्मचारी नहीं माने. उन्होंने नोटिफिकेशन को पूरी तरह से इग्नोर कर दिया. हालांकि कई कर्मचारियों ने अपनी डिटेल दे भी दी है.
7572 कर्मचारियों की रोकी तनख्वाह
कॉर्पोरेशन की ओर से कुल 7572 अभियंताओं की सैलरी रोकी गई है. विभाग की मानें तो इन सभी ने समय रहते अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है. इसी वजह से इतना बड़ा कदम उठाया गया है. बताया जा रहा है कि कई कर्मचारी इस वजह से डर रहे हैं कि कहीं उनके ऊपर आय से अधिक संपत्ति होने की जांच न शुरू हो जाए. इस वजह से वह संपत्ति की डिटेल देने से बच रहे हैं. हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो खुद कर्मचारी ही जानते हैं जिन्होंने अपना ब्यौरा अभी तक नहीं दिया.
साभार : टीवी9 भारतवर्ष
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