नई दिल्ली. दक्षिण-पश्चिमी जिले की वसंतकुंज पुलिस ने अवैध रूप से दिल्ली में रह रहे एक बांग्लादेशी परिवार को बांग्लादेश डिपोर्ट कर दिया है। इनमें पति-पत्नी व उनके छह बच्चे शामिल हैं। बांग्लादेश निवासी जहांगीर पुत्र समसुल शेख कुछ साल पहले जंगल के रास्ते अवैध रूप से बॉर्डर पार कर भारत में घुस गया और उसके बाद दिल्ली आ गया। यहां कुछ साल रहकर वापस चला गया और बॉर्डर पार कर जंगल के रास्ते परिवार को लेकर दिल्ली आ गया।
दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि वसंत कुंज दक्षिण थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर अरविंद प्रताप सिंह, एटीओ इंस्पेक्टर रतन सिंह, एसआई उपेंद्र, एसआई पवन, डब्लू/पीएसआई प्रीति व नेमी चंद की टीम ने अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों सहित प्रवासियों का पता लगाने के लिए अभियान शुरू किया था। इंस्पेक्टर रतन सिंह की टीम ने सत्यापन अभियान के दौरान, घर-घर जाकर सत्यापन किया गया और लगभग 400 परिवारों की जांच की। सत्यापन के लिए सत्यापन फॉर्म (पर्चा-12) पश्चिम बंगाल के उनके संबंधित पतों पर भेजे गए। एक विशेष टीम को पश्चिम बंगाल भेजा गया।
पूछताछ में जहांगीर पुत्र समसुल शेख ने स्वीकार किया कि वह मूल रूप से ढाका, बांग्लादेश का रहने वाला है। वह जंगल के रास्तों और एक्सप्रेस ट्रेनों का इस्तेमाल करके भारत में दाखिल हुआ। इसके बाद वह दिल्ली में रह रहा था। दिल्ली में बसने के बाद वह बांग्लादेश वापस चला गया और अपनी पत्नी परीना बेगम और अपने छह बच्चों को साथ ले आया। मूलरूप से गांव केकरहाट, जिला-मदारीपुर, बांग्लादेश बताया। वे अपनी मूल पहचान छिपाकर दक्षिण पश्चिम दिल्ली के रंगपुरी इलाके में रहने लगे। सत्यापन अभियान के दौरान पुलिस कर्मियों को उन पर शक हुआ और आगे की पूछताछ में पता चला कि वे बांग्लादेश से हैं और उन्होंने अपनी बांग्लादेशी पहचान पत्र नष्ट कर दिए थे।
ये डिपोर्ट किए गए
जहांगीर पुत्र समसुल शेख, उसकी पत्नी परिना बेगम, पुत्र जाहिद,अहिद, वाहिद औूर सिराजुल, बेटी फातिमा, आशिमा।
साभार : अमर उजाला
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