मुंबई. छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माफी मांगी है. महाराष्ट्र के पालघर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शिवाजी महाराज सिर्फ नाम नहीं हैं. वो सिर्फ राजा-महाराजा नहीं हैं. वह हमारे लिए आराध्य देव हैं. मैं सिर झुकाकर अपने आराध्य देव के चरणों में सिर रखकर माफी मांगता हूं. 26 अगस्त को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर गई थी. इस 35 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण पीएम मोदी ने पिछले साल किया था. मोदी ने पालघर में कहा, “2013 में भाजपा ने मुझे प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया. सबसे पहला काम जो मैंने किया, वह था रायगढ़ में छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के सामने एक भक्त के रूप में बैठना और एक नई यात्रा शुरू करना.”
‘शिवाजी महाराज हमारे लिए सिर्फ नाम नहीं’
उन्होंने कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे लिए सिर्फ एक नाम नहीं है…आज मैं सिर झुकाकर अपने भगवान छत्रपति शिवाजी महाराज से माफ़ी मांगता हूं. हमारे मूल्य अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो भारत माता के महान सपूत, इस भूमि के सपूत वीर सावरकर को गाली देते रहते हैं और उनका अपमान करते रहते हैं. वे माफ़ी मांगने के लिए तैयार नहीं हैं, वे अदालतों में जाकर लड़ने के लिए तैयार हैं.” दरअसल, जो प्रतिमा गिरी है, उसका अनावरण पिछले साल 4 दिसंबर को सिंधुदुर्ग में पहली बार आयोजित नौसेना दिवस समारोह के दौरान किया गया था. इसका मकसद समुद्री रक्षा और सुरक्षा में मराठा नौसेना और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत का सम्मान करना था.
कांग्रेस ने की थी माफी की मांग
कांग्रेस ने मूर्ति गिरने की घटना को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा था और उनसे इसके लिए माफी की मांग की थी. मुंबई कांग्रेस प्रमुख वर्षा गायकवाड़ ने एएनआई के हवाले से कहा था, “छत्रपति शिवाजी महाराज जिनकी पूजा पूरे महाराष्ट्र और भारत में की जाती है, जिन्हें हम “जनता के राजा” कहते हैं, उनकी मूर्ति मालवण के राजकोट किले में बनाई गई थी, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी ने किया था. सबसे पहले, मैं पीएम मोदी से अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के लिए किए गए भूमिपूजन के बारे में पूछना चाहती हूं.” उन्होंने कहा, “उस मूर्ति के बनने से पहले ही वह महज 8 महीने में गिर गई. यह साफ है कि इसमें भ्रष्टाचार है. मोदी जी, आप कब माफ़ी मांगेंगे?”
साभार : जी न्यूज़
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