जयपुर. राजस्थान में अभी विधानसभा के उपचुनावों की तैयारियां चल रही है, सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने मुद्दे पर चुनाव जीतने की तैयारियां कर रही हैं, ऐसे ही अभी उपचुनाव के बीच राजस्थान में गाय को गौ माता का दर्जा दे देने पर चर्चा जोरों से चल रही है. आपको बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र ने गाय को गौ माता का दर्जा दिया था ऐसे ही अब राजस्थान में भी इसकी चर्चाएं चल रही हैं. गाय को गौ माता का दर्जा देने के अलावा शिक्षा के क्षेत्र में भी गाय माता के चैप्टर को शामिल किया जा सकता है. गाय माता को लेकर 5वीं कक्षा के कोर्स में गौमाता के चैप्टर को शामिल किया जा सकता है, इसे लेकर कार्रवाई भी की जा रही है. हालही में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जयपुर में स्थित हिंगोनिया गौशाला में गायों को चारा खिलाया था और गौशाला में निरीक्षण किया था. आपको बता दें गोवंश की संख्या के लिहाज से राजस्थान का छठवां स्थान है.
आपको बता दें सबसे पहले गाय को गौ माता का दर्जा देने की पहल 16 अक्टूबर को ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की थी, जिसके बाद 24 अक्टूबर को सीएम ने देवासी के पत्र को पशुपालन एवं गोपालन विभाग के सचिव को आवश्यक कार्रवाई के लिए भिजवा दिया, इसी जानकारी को सीएम ने पत्र के जरिए ही देवासी को दी थी. आपको बता दें राजस्थान में गौ तस्करी के खूब मामले सामने आ चुके हैं, जिससे कई बार कानून-व्यवस्था और कई विवाद हो चुके हैं, अगर गाय को गौ माता का दर्जा मिलता है तो महाराष्ट्र के बाद राजस्थान दूसरा राज्य हो जाएगा. गाय को गौ माता का दर्जा मिलने के बाद गो-तस्करों पर सख्त कानूनी प्रावधान होंगे साथ ही गोवंश के परिवहन पर भी कई तरह के प्रतिबंध हो लागू हो सकते हैं,
स्कूलों में पढ़ाया जाएगा गाय का चैप्टर
राजस्थान में गाय को गौ माता का दर्जा मिलने के बाद गाय की सुरक्षा और सुविधाओं के अलावा प्रदेश में सरकारी स्कूलों के पांचवीं कक्षा के बच्चे जल्दी ही गौमाता का चैप्टर पढ़ें, इसे लेकर राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने संकेत दिए हैं. शिक्षा मंत्री के अनुसार गाय से किसानों को सबसे ज्यादा लाभ होता है जिसमें गाय के दूध, गोबर-मूत्र और गोबर सभी को अलग-अलग रूम में इस्तेमाल किया जाता है. यह सब जानकारी बच्चों को होनी चाहिए, हाल ही में राजस्थान में गौमाता को लेकर एक आदेश भी जारी किया गया था जिसके अनुसार गायों को आवारा कहकर बुलाने पर रोक लगा दी है. राजस्थान सरकार ने इसकी जगह पर सम्मानजनक शब्द इस्तेमाल करने की अधिसूचना जारी की थी. आपको बता दें इससे पहले राजस्थान में ऊंट को राज्य पशु घोषित किए जाने के बाद परिवहन एवं बलि पर रोक लग गई.
साभार : न्यूज़18
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