जयपुर. अजमेर दरगाह संकट मोचन महादेव मंदिर मामले में वादी हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता को जान से मारने की धमकी मिली है। धमकी देने वाला कॉलर कनाडा से है। वहीं भारत से भी कॉल आया। कॉलर ने बोला, “तेरा सर कलम कर दिया जाएगा और ‘गर्दन काट दी जाएगी। तूने अजमेर दरगाह का केस फाइल करके बहुत बड़ी गलती कर दी।”
धमकी देने वाले की शिकायत थाना बाराखंबा नई दिल्ली में दर्ज कर दी गई है। इन धमकियों पर विष्णु गुप्ता ने कहा, “मैं यहां कहना चाहता हूं, हम ऐसे धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। हम कानून के तहत काम कर रहे हैं और कोर्ट जाना हमारा अधिकार है। हम कोर्ट के माध्यम से अपने मंदिरों को वापस लेकर रहेंगे और अजमेर दरगाह संकट मोचन महादेव मंदिर था है और रहेगा।”
अजमेर शरीफ को लेकर क्यों है विवाद?
दरअसल, हिंदू सेना ने अजमेर शरीफ दरगाह के नीचे संकट मोचक महादेव मंदिर होने का दावा किया है। इसको लेकर उन्होंने अदालत में एक याचिका भी डाली, जिस पर कोर्ट सुनवाई के लिए राजी हो गया। इसके बाद राजनीतिक विवाद शुरू हो गया। दरअसल, मथुरा, वाराणसी और धार में मस्जिदों और दरगाहों पर इसी तरह के दावे किए गए हैं। अजमेर की एक सिविल अदालत न इससे जुड़ी याचिका को स्वीकार करते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 20 दिसंबर जारी की है। अदालत में हिंदू सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने वकील शशि रंजन कुमार सिंह के माध्यम से 26 सितम्बर को याचिका दायर की गई थी।
क्या है अजमेर दरगाह का इतिहास
ईरान (फारस) के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती ने अजमेर को अपना घर बनाया था और मुगल सम्राट हुमायूं ने उनके सम्मान में एक दरगाह बनवाई थी। अकबर और उनके पोते शाहजहां ने अजमेर दरगाह परिसर के अंदर मस्जिदें बनवाई थीं। अजमेर शरीफ दरगाह की गिनती भारत की सबसे बड़ी पवित्र धार्मिक स्थलों में की जाती है।
साभार : दैनिक जागरण
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