इस्लामाबाद. पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में रविवार देर रात नोककुंडी स्थित फ्रंटियर कॉर्प्स (FC) के हेडक्वार्टर पर सुसाइड अटैक हुआ। इस हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली है।
BLA की सुसाइड बॉम्बर महिला जरीना रफीक ने मेन गेट के पास खुद को उड़ा लिया। धमाका इतना जोरदार था कि गेट टूट गया।
इसके बाद 6 हथियारबंद लड़ाके अंदर घुस आए। सुरक्षा बलों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई शुरू की। भारी गोलीबारी के बाद 3 हमलावरों की मौत हो गई। वहीं, डॉन के ही कुछ सूत्रों ने 6 हमलावरों के मारे जाने का दावा किया है।
इस बीच, पंजगुर जिले के गुरमाकन इलाके में भी एक FC चेकपोस्ट पर हमला हुआ। FC के प्रवक्ता ने दावा किया कि दोनों अटैक BLA ने ही किए हैं।
उग्रवादियों ने क्वेटा और डेरा मुराद को निशाना बनाया था
कुछ घंटे पहले इसी इलाके में एक दिन में लगातार 7 धमाके हुए थे। संदिग्ध उग्रवादियों ने क्वेटा और डेरा मुराद जमाली में कई जगहों को निशाना बनाया। धमाकों में किसी की मौत नहीं हुई।
शनिवार को क्वेटा में पुलिस चेकपोस्ट पर हैंड ग्रेनेड से हमला किया गया। इसके बाद एंटी-टेररिज्म डिपार्टमेंट (ATD) की गाड़ी के पास IED ब्लास्ट हुआ। शाम तक तीन और धमाके हुए।
क्वेटा के SSP आसिफ खान के मुताबिक, सरियाब रोड पर निर्माण कंपनी के कैंप पर हथियारबंद लोगों ने ग्रेनेड फेंके, जिसमें दो गार्ड जख्मी हुए।
मनजूर शहीद पुलिस स्टेशन पर भी मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने दो ग्रेनेड फेंके। इनमें से एक मौके पर फट गया, दूसरा बम स्क्वाड ने निष्क्रिय कर दिया। शहर के बाहरी हिस्से लोहर करेज के पास रेलवे ट्रैक को भी IED ब्लास्ट कर उड़ा दिया।
पुलिस की गाड़ी पर ग्रेनेड से हमला किया
डेरा मुराद जमाली में भी पुलिस की गश्ती गाड़ी पर ग्रेनेड हमला हुआ। क्वेटा के केच बेग इलाके में पुलिस पोस्ट के पास भी हथगोले फेंके गए। किसी भी संगठन ने इन हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है।
इससे पहले भी बलूचिस्तान में कई बड़े हमले हो चुके हैं। इस साल अब तक 782 लोग मारे जा चुके हैं। मार्च में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने एक ट्रेन हाइजैक करके कई सैनिकों की हत्या की थी।
सितंबर में क्वेटा में एक राजनीतिक रैली पर आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें 11 लोगों की मौत हुई थी।
4 साल में 4 हजार पाकिस्तानी सैनिक मारे गए
पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार ने शनिवार को दावा किया था कि बीते 4 साल में पाकिस्तान से 4 हजार सैनिक मारे गए हैं, जबकि 20 हजार से ज्यादा घायल हुए हैं।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता संभालने के बाद पाकिस्तान को बर्दाश्त से ज्यादा नुकसान का सामना कर पड़ा है।
पाकिस्तानी डिप्टी पीएम ने तालिबान से उग्रवादियों पर सख्त कार्रवाई करने की अपील की। डार ने कहा कि पाकिस्तानी तालिबान (TTP) के लड़ाकों को बॉर्डर इलाके में पनाह नहीं दी जानी चाहिए।
ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स में पाकिस्तान दूसरे नंबर पर
ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स 2025 के मुताबिक, बुर्किना फासो के बाद पाकिस्तान दुनिया का दूसरा सबसे आतंक प्रभावित देश बन चुका है, जबकि 2024 में यह चौथे स्थान पर था।
- TTP के हमलों में 90% की वृद्धि हुई है।
- बलूच आर्मी (BLA) के हमलों में 60% बढ़ोतरी हुई है।
- इस्लामिक स्टेट- खुरासान (IS-K) ने अब पाकिस्तानी शहरों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान सबसे ज्यादा आतंक प्रभावित इलाके हैं। देश भर की कुल आतंकी घटनाओं में से 90% इसी इलाके में हुईं। रिपोर्ट में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को लगातार दूसरे साल पाकिस्तान का सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन बताया गया। 2024 में इस ग्रुप ने 482 हमले किए, जिसकी वजह से 558 मौतें हुई थीं, जो 2023 के मुकाबले 91% ज्यादा हैं।
साभार : दैनिक भास्कर
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