मुजफ्फराबाद. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के एक गांव में लश्कर के आतंकियों को पब्लिक ने लात-जूते मारकर भगा दिया है। लोग आंतकवादियों और उनके आकाओं को दौड़ा दौड़ाकर पीट रहे हैं। मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में हुए एनकाउंटर में मारे गए पहलगाम हमले के आंतकवादियों में से एक हमज़ा अफ़ग़ानी उर्फ़ हबीब ताहिर POK का रहने वाला था। उसके मारे जाने की खबर जब POK में पहुंची तो हमज़ा अफ़ग़ानी उर्फ़ हबीब ताहिर के लिए आखिरी नमाज अदा की गई। इसमें शामिल होने के लिए लश्कर के आतंकवादी भी पहुंचे। लेकिन आतंकी हबीब ताहिर के परिवार वालों ने रिज़वान हनीफ और लश्कर के दूसरे आतंकियों को उसके फातिहा में शामिल होने की इजाज़त नहीं दी। इन आतंकवादियों ने जैसे ही जेहाद के नारे लगाए तो लोग भड़क उठे। लोगों ने लश्कर के आतंकवादियों को दौड़ा दिया। पब्लिक ने आतंकियों की पिटाई शुरू कर दी। लश्कर के कमांडर्स को वहां से जान बचाकर भागना पड़ा।
PoK का रहनेवाला था हमज़ा अफ़ग़ानी
दरअसल, हमज़ा अफ़ग़ानी उर्फ़ हबीब ताहिर PoK के कुइयां गांव का रहने वाला था। वह लश्कर-ए त-ईबा में शामिल हो गया था और पिछले दो साल से एक्टिव था। 28 जुलाई को श्रीनगर के पास दातीगाम के जंगलों में वह सुरक्षाबलों के साथ हुए एनकाउंटर में मारा गया था। हमजा अफगानी की मौत की खबर उसके गांव कुइयां तक पहुंची तो हमज़ा अफ़ग़ानी उर्फ़ हबीब ताहिर का ग़ैरमौजूदगी जनाजा आयोजित किया गया था। क्योंकि हमजा अफगानी को भी वहीं दफना दिया गया जहां सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में ढेर किया था।
‘जिरगा’ शामिल होने पहुंचा लश्कर कमांडर
रिपोर्ट्स के मुताबिक PoK के इसी कूइयां गांव के लोगों ने एक सार्वजनिक ‘जिरगा’ यानी लोकल पंचायत बुलाने की योजना बनाई। लश्कर ए तैय्यबा के आतंकी हबीब ताहिर के लिए फातिहा पढ़ा जाना था और आतंकियों को समर्थन देने वालों की निंदा करने की बात होनी थी। साथ ही गांव में किसी भी तरह की आतंकी गतिविधि पर सामूहिक प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया जाना था। इसके लिए बाकायदा पोस्टर्स छापे गए थे। उन पोस्टर्स को फेसबुक पर अपलोड भी किया गया था। PoK के रावलाकोट में रहने वाले लोगों को लोकेशन पर पहुंचने के लिए बाकायदा इन्वाइट भी किया गया था। इसी में शामिल होने के लिए लश्कर का कमांडर रिज़वान हनीफ लश्कर के पूरे काफिले के साथ पहुंचा था। लेकिन आतंकी हबीब ताहिर के परिवार वालों ने रिज़वान हनीफ और लश्कर के दूसरे आतंकियों को उसके फातिहा में शामिल होने की इजाज़त नहीं दी।
लोगों ने लश्कर कमांडर और उसके साथियों को क्यों पीटा?
गांव के लोगों ने रिज़वान हनीफ़ पर इल्ज़ाम लगाया कि वो नौजवान लड़कों को मौत के मुंह में धकेलता है। इसके बाद लश्कर कमांडर रिज़वान हनीफ के बॉडीगार्ड और आतंकी हबीब ताहिर के परिवार वालों के बीच हाथापाई शुरू हो गई। लश्कर के आतंकियों ने जैसे ही भीड़ पर हमले के लिए हथियार उठाया, PoK की पब्लिक ने आतंकियों की पिटाई शुरू कर दी। PoK के एक जर्नलिस्ट लियाक़त अली उर्फ़ लियाक़त इंक़िलाब ने सोशल मीडिया पर जारी कर दिया।
PoK में लंबे अर्से से एक्टिव है रिजवान
लश्कर के जिस आतंकवादी रिज़वान हनीफ़ और उसके साथियों को Pok के लोगों ने पीटा और खदेड़ा वह पाक के कब्जे वाले कश्मीर में काफ़ी समय से एक्टिव है। रिजवान हनीफ लश्कर की मज़हबी ब्रांच जमात उद दावा के लिए PoK में रिक्रूटमेंट का काम करता है। लोगों से जिहाद में शामिल होने की अपील करता है।रिज़वान हनीफ़ अक्सर, लोगों को जिहाद के फ़ायदे बताते हुए तक़रीर करता है। और सोशल मीडिया पर जिहाद की वकालत करने वाले वीडियोज़ डालता रहता है। अगर भारत में PoK का कोई आतंकवादी मारा जाता है तो रिज़वान उसके घर जाकर उसके परिजनों को पैसे देकर उनका मुंह बंद करता है।
आतंकियों की भर्ती की रेट लिस्ट
ये आतंकवादी अलग अलग प्रोग्राम्स के ज़रिए ना सिर्फ PoK में रहने वाले लोगों को बरगलाते हैं बल्कि उनके बच्चों का ब्रेनवॉश करके उन्हें आतंकी भी बनाते हैं। लश्कर का आतंकी PoK में जगह जगह घूमकर जिहाद के नाम पर चंदे इकट्ठा करता है। लश्कर ए तैय्यबा ने नए आतंकवादियों की भर्ती के लिए बाकायदा रेट लिस्ट बना रखी है। इस रेट लिस्ट के मुताबिक लश्कर ए तैय्यबा हर एक आतंकवादी को Recruit करने के लिए 3 लाख रुपये चार्ज करता है जिसमें से 2 लाख पाकिस्तानी रुपये आतंकवादी के परिवार को मिलते हैं और 1 लाख पाकिस्तानी रुपये लश्कर ए तैय्यबा का कमांडर खुद अपने पास रखता है। इसका भी खुलासा अब खुद PoK में रहने वाले लोग ही कर रहे हैं।
आतंकियों का कैसे करते हैं ब्रेन वॉश?
आतंकियों को रिक्रूट करने के बाद जब उन्हें बेस कैंप में लाया जाता है तो बाकायदा फूल माला से उनका स्वागत किया जाता है। इन बेस कैंप्स में आतंकियों का ब्रेन वॉश करने वाली स्पीच भी दी जाती है। अब हम आपको PoK के रावलाकोट में लश्कर के एक ऐसे ही बेस कैंप के अंदर लेकर चलते हैं और उन आतंकवादियों की बात सुनाते हैं, जो पाकिस्तानी फौज की मौजूदगी में बार बार PoK के बेस कैंप का नाम लेते हैं। PoK से भारत भेजे गए औऱ मारे गए आतंकियों का ज़िक्र करते हैं और कैमरे पर बार-बार दोहराते हैं कि वो भारत के खिलाफ हज़ारों मुजाहिद्दीनों यानी आतंकियों की फौज खड़ी कर देंगे। लश्कर के इन आतंकियों को पैसे देकर भारत पर हमले का ठेका वही रिज़वान हनीफ देता है।
पहलगाम के आतंकियों का पाक कनेक्शन
पहलगाम हमले में शामिल एक आतंकी का पाकिस्तान कनेक्शन स्टैबलिश हो चुका है। आतंकी हबीब ताहिर PoK के रावलाकोट के करीब कूइयां गांव का रहने वाला था और अब बाकी बचे दो आतंकी की आइडेंटिटी भी सामने आ गई है जो लाहौर के रहने वाले थे। इनमें से एक आतंकी बिलाल अफज़ल की पाकिस्तानी नेशनल ID कार्ड भी सामने आ चुकी है जो उसे 2019 में जारी की गई थी और जिसकी एक्सपायरी डेट 13 मार्च 2029 थी। इसी आतंकी का कोड नेम सुलेमान शाह था। PoK में रहनेवाले लोगों ने अब ये खुलासा भी कर दिया है कि पाकिस्तानी फौज ने ISIS,अल कायदा इन सबके नेटवर्क को PoK में एक्टिवेट कर दिया है।हालांकि राहत की ख़बर ये है कि देर से ही सही लेकिन अब PoK के लोगों को लश्कर और दूसरे आतंकी संगठनों का सच दिखने लगा है। इसीलिए इन दिनों लश्कर के आतंकी PoK में जहां दिख रहे हैं, वहां लोकल लोगों के हाथों पिट रहे हैं और लात-जूते-घूसे खा रहे हैं।
साभार : इंडिया टीवी
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