कोलंबो. श्रीलंका में 16 नवंबर को आए ‘दित्वा’ चक्रवात ने भयंकर तबाही मचाई है। श्रीलंका के इस संकट में भारत खेवनहार बनकर उभरा है। भारत ने अपने पड़ोसी देश के लिए सहायता को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है। वहीं बुधवार शाम तक श्रीलंका में चक्रवात के चलते मरने वालों की कुल संख्या 479 तक पहुंच चुकी है, जबकि 350 लापता हैं। इस चक्रवात से श्रीलंका में 14 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
हालात को देखते हुए 22 जिले आपदाग्रस्त घोषित
श्रीलंका के बदतर हालात को देखते हुए 25 में से 22 जिलों को सरकार ने आपदाग्रस्त घोषित कर दिया है। देश में 2.33 लाख से अधिक लोग 1,441 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। श्रीलंका को इस तूफान के चलते 6-7 अरब डॉलर (जीडीपी का 3-5%) का आर्थिक नुकसान आंका जा रहा है। भारत ने ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत श्रीलंका को सबसे बड़ा मानवीय सहारा दिया है। भारतीय उच्चायोग के अनुसार, हवाई, समुद्री और जमीनी तीनों मोर्चों पर अभियान चल रहा है।
एनडीआरएफ ने 800 लोगों की बचाई जान
एनडीआरएफ की बहादुरी से श्रीलंका के पुट्टलम और अन्य जिलों में 800 से ज्यादा फंसे लोगों को निकाला गया है। गर्भवती महिलाओं, गंभीर मरीजों और बच्चों को प्राथमिकता दी गई। इसके अतिरिक्त मध्य और पहाड़ी इलाकों में जहां सड़कें ध्वस्त हैं, वहां भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने 13.5 टन से ज्यादा राहत सामग्री पहुंचाई। मंगलवार को अकेले 8 टन सामग्री और 65 लोगों को निकाला गया। कोटमाले से 24 महिलाएं-बच्चे कोलंबो सुरक्षित पहुंचाए गए। निकाले गए लोगों में जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के नागरिक भी शामिल थे। जहां हेलीकॉप्टर उतरना असंभव था, वहां रस्सी से लोगों को ऊपर खींचा गया।
श्रीलंका ने की भारत के सागर बंधु योजना की तारीफ
श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने सोशल मीडिया पर लिखा, “सागर-बंधु पहल के तहत भारत की त्वरित और बड़ी सहायता हमारे दोनों देशों के बीच गहरी दोस्ती और सद्भावना को दर्शाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हृदय से आभार।”भारत ने पिछले महीने ही ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ शुरू किया था, जिसके तहत दवाइयां, खाद्य पैकेट, तिरपाल, जनरेटर और पानी शुद्धिकरण यूनिट भेजे जा रहे हैं। भारतीय नौसेना के जहाज भी कोलंबो बंदरगाह पर राहत सामग्री लेकर पहुंच चुके हैं। राष्ट्रपति दिसानायके की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की विशेष बैठक हुई, जिसमें पुनर्निर्माण के लिए पूरक बजट को मंजूरी दी गई। आवश्यक सेवाओं के आयुक्त जनरल प्रभात चंद्रकीर्ति ने कहा, “श्रीलंका अब तक की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। भारत का साथ हमारे लिए संजीवनी है। ”भारतीय उच्चायोग ने कहा कि अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक आखिरी प्रभावित व्यक्ति तक मदद न पहुंच जाए।
साभार : इंडिया टीवी
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