नई दिल्ली. राजधानी में शराब खरीदने का अनुभव अगले साल से बदल सकता है. दिल्ली सरकार द्वारा मंत्री प्रवेश वर्मा की अध्यक्षता में गठित समिति ने नई शराब नीति का मसौदा तैयार कर मुख्यमंत्री कार्यालय को मंजूरी के लिए भेज दिया है. नई नीति का उद्देश्य दुकानों को आधुनिक बनाना और वितरण व्यवस्था को अधिक पारदर्शी करना है.
इन जगहों पर खुलेगी
सरकार ने प्रीमियम शराब दुकानों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है. इन दुकानों के लिए न्यूनतम मानक निर्धारित किए जाएंगे, ताकि ग्राहकों को मॉल जैसे माहौल में अपनी पसंद की शराब देखने और चुनने की सुविधा मिले. मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मेट्रो स्टेशन परिसर और कुछ अन्य स्थानों पर भी प्रीमियम आउटलेट खोलने का प्रस्ताव है.
मसौदे के अनुसार दिल्ली में शराब की दुकानें अब हाइब्रिड मॉडल में नहीं चलेंगी. निजी कंपनियों को रिटेल बिक्री का लाइसेंस नहीं दिया जाएगा. शराब की खुदरा बिक्री केवल सरकार की मौजूदा चार एजेंसियां DSIIDC, DTTDC, DSCSC और DCCWS ही करेंगी. शराब खरीदने की न्यूनतम आयु में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
राजधानी में अब सरकारी एजेंसियों द्वारा संचालित होगी शराब की दुकानें
फिलहाल राजधानी में 794 से अधिक शराब की दुकानें विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा संचालित हैं. नई नीति में यह भी स्पष्ट किया गया है कि स्कूलों, धार्मिक स्थलों और आवासीय क्षेत्रों के पास शराब की दुकानें नहीं खोली जाएंगी. प्रीमियम ब्रांड की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार ने प्रति बोतल मिल रहे कमीशन को बढ़ाने की सिफारिश की है. अभी यह कमीशन 50 रुपये है, जिसे बढ़ाने का प्रस्ताव है. मेट्रो और मॉल में दुकानें खोलने पर किराया अधिक होगा, इसलिए बिक्री और कमीशन, दोनों बढ़ाने की आवश्यकता होगी.
दिल्ली में मिलेगी प्रीमियम ब्रांड का शराब
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कमीशन बढ़ाया जाता है, तो प्रीमियम ब्रांड की संख्या बढ़ सकती है, लेकिन इसका सीधा प्रभाव शराब की कीमतों पर पड़ सकता है. यानी उपभोक्ताओं को आने वाले दिनों में कुछ ब्रांड महंगे मिल सकते हैं. बता दें कि नई शराब नीति को अंतिम मंजूरी मिलने के बाद इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा.
साभार : जी न्यूज
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