भोपाल. कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 12 स्कूली विद्यार्थियों को स्कूटी की चाबियां सौंपी। इसके बाद सरकारी स्कूलों के 7,800 प्रतिभाशाली छात्रों को मुफ्त स्कूटी के लिए प्रतीकात्मक रूप से प्रमाण पत्र दिए गए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा- मेरिट से काम नहीं बनेगा, नैतिकता भी चाहिए। घर के अंदर कुछ भी चलता रहे लेकिन बाहर यह बात नहीं जानी चाहिए। हमारे संस्कार ऐसे होने चाहिए कि हम आपस के मनमुटाव को बाहर दिखने न दें। सीएम ने कहा कि प्रतिभाशाली बच्चे जीवन में बहुत कुछ कर सकते हैं लेकिन प्रतिभा के साथ संस्कार होना भी जरूरी है। सिर्फ पढ़ा लिखा व्यक्ति ही सब कुछ नहीं होता है, गुणी होना भी जीवन में आवश्यक है।
जो विपरीत क्रम को तेजी से लागू करे, वही विक्रमादित्य
मुख्यमंत्री ने कहा- पन्ना धाय ने अपने देश के लिए अपने ही बच्चे की हत्या होते देखी है। कंस के अत्याचार पर उसे मारने के बाद भगवान कृष्ण ने सत्ता पर फिर महाराज को बैठाकर गणतंत्र की स्थापना की। सहसांक विक्रमादित्य असंभव को संभव करने वालों में थे। सुक्रम (आसान क्रम) तो कोई भी कर सकता है लेकिन विक्रम (विपरीत क्रम) तो सिर्फ विक्रमादित्य ही कर सकते हैं।
चुनाव जीतने पर हर साल भैया बुलेट देते थे
सीएम यादव ने अपना अनुभव सुनाते हुए कहा- वर्ष 1982 में मेरे भैया ने कहा कि चुनाव लड़ो, मैंने कहा- जीतूंगा तो क्या दोगे? भैया ने कहा- बुलेट दूंगा। इसके बाद 1988 तक मैं खुद और अपनी पार्टी को चुनाव जिताता रहा और हर साल भैया मुझे नई बुलेट दिलाते रहे। बुलेट तो मिल जाती थी लेकिन पेट्रोल का खर्च समझ में आता था। आप भाग्यशाली हो, आपको इलेक्ट्रिक व्हीकल मिला है, जिसे कितना भी चला सकते हो।
बेहतर शिक्षा दे रहे मध्यप्रदेश के स्कूल
कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा- आज मिलने वाली स्कूटी बच्चों को अपने शैक्षणिक जीवन की उपलब्धियों को और बेहतर स्वरूप देने का काम करेगी। संसाधनों और समय के अभाव की कमी के चलते अब परेशानी से राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि एक तरफ वे स्कूल हैं, जो लाखों रुपए की फीस लेते हैं और दूसरी ओर वे स्कूल हैं, जो वोकेशनल ट्रेनिंग, कैरियर गाइडेंस, स्मार्ट क्लास समेत अन्य सुविधाएं देते हैं। इन स्कूलों के छात्रों का भविष्य बेहतर रहे, इसकी वे अपेक्षा करते हैं।
गरीब परिवार के बच्चों को सुविधा दे रही सरकार
जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह ने कहा कि बड़े परिवारों के बच्चों को गाड़ी से कॉलेज जाने की खुशी होती है लेकिन गरीब परिवारों के बच्चों को इस तरह की सुविधाएं देने का काम मोहन यादव सरकार ने किया है। जिन बच्चों को स्कूटी मिली है, उनसे अपेक्षा है कि वे अपने माता-पिता की ओर से मुख्यमंत्री को धन्यवाद पत्र भिजवाएं। जिसके माता पिता को खुशी है, वे जरूर भेजें और जिसे खुशी नहीं है, वे धन्यवाद पत्र न भेजें।
2022-23 में 7,778 छात्रों को मिली थी स्कूटी
शैक्षणिक सत्र 2022-23 में कुल 7,778 विद्यार्थियों को स्कूटी दी गई थी। इनमें 2,760 ई-स्कूटी और 5,018 पेट्रोल स्कूटी शामिल थीं। इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार ने कुल 40.40 करोड़ रुपए खर्च किए थे। 2,760 छात्रों को ई-स्कूटी खरीदने के लिए प्रति विद्यार्थी 1.25 लाख रुपए जबकि पेट्रोल स्कूटी के लिए 90 हजार से 1 लाख रुपए तक की राशि दी गई थी। इस योजना की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में की गई थी।
लैपटॉप खरीदने के लिए 25,000 रुपए मिलेंगे
इसी तरह ‘मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना’ के तहत MP बोर्ड की 12वीं परीक्षा में 75% या उससे अधिक नंबर हासिल करने वाले विद्यार्थियों को लैपटॉप खरीदने के लिए 25,000 रुपए की राशि दी जाती है। 2022-23 में 78,641 विद्यार्थियों को यह फायदा मिला था, लेकिन इस बार यह संख्या 90,000 के पार पहुंच चुकी है। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 12,000 ज्यादा है। सरकार इस योजना पर 225 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करेगी। 2009-2010 से चालू हुई इस योजना में पहले मेधावी विद्यार्थियों का क्राइटेरिया 85 फीसदी अंकों तक रखा गया था, लेकिन बाद में इसे कम कर 75% कर दिया गया।
साभार : दैनिक भास्कर
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं