चंडीगढ़. पंजाब सरकार और किसानों के बीच हुई बैठक बेनतीजा रहने के बाद चंडीगढ़ में आज किसानों के चंडीगढ़ कूच के ऐलान को देखते हुए चंडीगढ़ पुलिस ने चंडीगढ़ में एंट्री करने वाले 12 पॉइंट्स पर रूट डायवर्ट किए हैं और कड़े सुरक्षा प्रबंध किए हैं. चंडीगढ़ के अंदर और तमाम बॉर्डरों पर करीब 2500 पुलिसकर्मी और सीनियर अफसर तैनात हैं और इसके अलावा चंडीगढ़ पुलिस पंजाब पुलिस के साथ भी लगातार संपर्क में रहेगी, चंडीगढ़ पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की है और आम लोगों से अपील की है कि वो चंडीगढ़ में आने से पहले डाइवर्ट रूटों को देखकर ही पहुंचे हैं.
किसानों के ट्रैक्टर मार्च के चलते चंडीगढ़ की सीमाओं पर जाम लग गया है. जीरकपुर और मोहाली की तरफ से चंडीगढ़ पर एंट्री में परेशानी हो रही है. जीरकपुर और खरड़ की भारी जाम लग रहा है. अहम बात है कि आम जनता परेशान हो रही है. क्योंकि पुलिस की तरफ से बैरिकेडिंग की गई है. हालांकि, दिल्ली चंडीगढ़ और चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे खुला हुआ है. पंजाब के मानसा में संयुक्त किसान मोर्चे की तरफ से चंडीगढ़ में लगने वाले मोर्चे मैं शामिल होने के लिए किसान रवाना हो रहे थे. हालांकि, पंजाब पुलिस ने सभी किसानों को गांव डेपाई में नाका लगाकर रोक लिया और जहां पर बड़ी सख्या में पुलिस कर्मचारियों को तैनात कर दिया है. दूसरी ओर किसानों का कहना है कि वह हर हलत में चंडीगढ़ जाएंगे.
चंडीगढ़ में फर्नीचर मार्केट के पास शहर में एंटर करने की कोशिश कर रहे 50 से 60 किसानों के दल को मोहाली पुलिस ने हिरासत में लिया है. ये सभी किसान रोपड़ और अलग-अलग जगह से यहां पर पहुंचे थे और चंडीगढ़ में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे. किसानों के मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि किसने और पंजाब के मुख्यमंत्री की मीटिंग का समय गलत था और पहले यह मीटिंग करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि शाम की बैठक कभी कामयाब नहीं हो सकती. है. बाजपा ने कहा कि बुलडोजर मोड में पंजाब सरकार है, लेकिन नशा तस्करों में छोटी मछलियों को पकड़ कर क्या फायदा होगा.
साभार : न्यूज18
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं