प्योंगयांग. नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अपने देश की महिलाओं के लिए अब एक और ‘सनकी फरमान’ जारी कर दिया है. दरअसल नॉर्थ कोरिया में अब महिलाओं के ब्रेस्ट इम्प्लांट को लेकर प्रतिबंध लगा दिया गया है. तानाशाह किम जोंग उन ने इसके पीछे की वजह असामाजिकता और पूंजीवादी करार को बताते हुए इस पर कड़ा प्रतिबंध लगा दिया है. यहां पर एक डॉक्टर और दो महिलाओं पर ब्रेस्ट सर्जरी करवाने के आरोप में सार्वजनिक मुकदमा चल रहा है. इतना ही नहीं नॉर्थ कोरिया सरकार ने ऐसे मामलों में महिला और डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी जारी की है. आइए हम आपको बताते हैं कि आखिर नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने क्यों जारी किया ये फरमान?
ये कोई नया मामला नहीं है जब नॉर्थ कोरिया में ऐसे किसी मामले को लेकर फरमान जारी किया गया हो. दरअसल इस फैसले के पीछे की वजह है तानाशाह किम जोंग उन की विचारधारा. किम के मुताबिक वो अपने देश की संस्कृति और सभ्यता में विदेशी अतिक्रमण नहीं होने देंगे. उनका मानना है कि ब्रेस्ट सर्जरी नॉर्थ कोरिया में एक असामाजिक और पूंजीवादी करार है. जो कि उनके देश की संस्कृति को विकृत कर रहा है.
तानाशाह ने क्यों जारी किया ये फरमान?
इस फरमान के जारी करने के पीछे नॉर्थ कोरिया के तानाशाह का मानना है कि उनके देश की 20 साल से लेकर 30 साल तक की लड़कियों में ब्रेस्ट सर्जरी, आइब्रोज पर टैटू जैसे फैशन पूंजीवादी विचारधारा में रंगे हुए हैं. नॉर्थ कोरियाई तानाशाह का मानना है कि ये उनके देश में विदेशी कल्चर का अतिक्रमण है. इसके लिए नॉर्थ कोरियाई सरकार ने इस तेजी से बढ़ते हुए ट्रेंड को खत्म करने की ठान ली है. इसी वजह से नॉर्थ कोरियाई तानाशाह ने ये नया फरमान महिलाओं और डॉक्टरों के लिए जारी किया है.
जानिए क्या है पूरा मामला?
उत्तर कोरिया के सरीवोन शहर में एक अभूतपूर्व सार्वजनिक मुकदमा हुआ. इस मुकदमे में एक निजी डॉक्टर और दो युवतियों को अदालत में पेश किया गया. इन युवतियों और डॉक्टर पर इस बात का आरोप था कि डॉक्टर ने गुप्त रूप से अवैध ब्रेस्ट सर्जरी की थी और इन युवतियों ने यह सर्जरी करवाई थी. दोनों महिलाओं की उम्र लगभग 20 वर्ष बताई गई. वे अपनी शारीरिक बनावट को बेहतर बनाने के लिए इस सर्जरी से गुज़री थीं. मुकदमे के दौरान अदालत में सिलिकॉन, चिकित्सा उपकरण और नकद राशि जैसे सामानों को सबूत के तौर पर प्रस्तुत किया गया.
नॉर्थ कोरिया सरकार ने चलाया अभियान
उत्तर कोरिया की सरकार ने जुलाई से सितंबर 2025 के बीच एक आपातकालीन अभियान चलाया था. इस दौरान गुप्त एजेंटों और पड़ोस निगरानी समितियों ने संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट दी. संदिग्ध महिलाओं की पहचान के बाद उन्हें अस्पताल भेजकर शारीरिक जांच कराई गई.किम जोंग उन की सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अवैध सर्जरी कराने वाले डॉक्टरों और मरीजों दोनों को कठोर दंड दिया जाएगा. इनमें श्रमिक शिविरों में भेजे जाने जैसी सज़ाएं भी शामिल हैं.
साभार : जी न्यूज
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